नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) शुरू करने की मंजूरी दी गई। इस मिशन पर 2481 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें राज्य सरकारें भी सहयोग करेंगी। मिशन का उद्देश्य देश में रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देना और किसानों की लागत को कम करना है।
मिशन के मुख्य बिंदु:
- खर्च और उद्देश्य: अगले दो वर्षों में 15,000 ग्राम पंचायत समूहों के तहत, 7.5 लाख हेक्टेयर जमीन पर एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।
- जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी): 10,000 बीआरसी स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को उर्वरक और अन्य संसाधन आसानी से उपलब्ध होंगे।
- प्रशिक्षण और प्रदर्शन: 2000 एनएफ मॉडल प्रदर्शन फार्म बनाए जाएंगे। इच्छुक किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और कृषि विश्वविद्यालयों (एयू) में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- महिलाओं की भागीदारी: जागरूकता फैलाने और किसानों की मदद के लिए 30,000 कृषि सखियों को नियुक्त किया जाएगा।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव:
प्राकृतिक खेती किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचाएगी। यह जैव विविधता को प्रोत्साहित करने और स्वस्थ पर्यावरण को बनाए रखने में मदद करेगी।
परंपरा और भविष्य का संगम:
किसान अपने पारंपरिक ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए खेतों में जैविक उर्वरक बनाएंगे। मिशन का उद्देश्य अगली पीढ़ी को रसायन मुक्त फसलें और एक स्वस्थ धरती प्रदान करना है।
यह मिशन देश में टिकाऊ कृषि और स्वस्थ खाद्य प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।