ग्वालियर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने प्रशासन और स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया है। दीपावली के दौरान शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया, जो गंभीर प्रदूषण का संकेत है। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नए कदम उठाने का फैसला किया है। अब सिरोल पहाड़ी की तरह अलापुर पहाड़ी को भी शहरी वन में तब्दील करने की योजना बनाई गई है।
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस नई पहल की दिशा में अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत जिला प्रशासन और वन विभाग मिलकर पहाड़ी पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण करेंगे, जिसमें सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों का भी सहयोग लिया जाएगा। डीएफओ अंकित पांडे के अनुसार, पौधों को बड़े पेड़ बनने के लिए कम से कम दो साल तक देखभाल की आवश्यकता होती है, जिसमें समय पर खाद और पानी दिया जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि इससे पहले सिरोल पहाड़ी को सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया गया था, जो अब हरे-भरे जंगल के रूप में बदल चुका है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से शुरू हुई इस पहल का सफल परिणाम सामने आया है, और अब इसी तर्ज पर अलापुर पहाड़ी को हरियाली में बदला जाएगा।
शहर के वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए प्रशासन की यह पहल बेहद अहम है। यह शहरी वन न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होगा बल्कि लोगों के लिए शुद्ध वायु भी सुनिश्चित करेगा।