नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा कांग्रेस के ईवीएम विरोधी रुख पर सवाल उठाने और नए संसद भवन के निर्माण के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा करने को लेकर कांग्रेस ने कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के आलाकमान ने इन टिप्पणियों का संज्ञान लिया है।
उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम पर कांग्रेस के रुख को ठहराया अनुचित
उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में हार के लिए ईवीएम को दोष देने को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि ईवीएम को हार का कारण बताना सही नहीं है। उमर की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और भाजपा-विरोधी राजनीति के आधार पर गठबंधन में शामिल हुई थी।
कांग्रेस का मापा हुआ रुख
कांग्रेस के एआईसीसी प्रभारी भरत सिंह सोलंकी ने कहा,
“उन्होंने क्या कहा, यह उनके ऊपर है। जब चुनाव आयोग कुछ कहेगा, तब हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे।”
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी फिलहाल गठबंधन में कोई तनाव पैदा नहीं कर रही है।
आलाकमान ने लिया मुद्दे का संज्ञान
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस इस मामले पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला के बयान को “सत्ता में बने रहने की राजनीतिक रणनीति” के रूप में देखा जा सकता है।
गठबंधन पर कोई खतरा नहीं
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि सहयोगी दलों के बीच स्वस्थ संवाद जारी है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा,
“गठबंधन में कोई बड़ा तनाव नहीं है। उमर अब्दुल्ला के बयान का फिलहाल चुनावी रणनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का स्थानीय मुद्दों पर फोकस
कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में पुनर्गठन और संगठनात्मक मजबूती पर काम कर रही है। स्थानीय इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने कहा कि पार्टी राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने के लिए सक्रिय है। तारिक हमीद कर्रा ने भी स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है।
जनवरी 2025 तक संगठनात्मक पुनर्गठन की उम्मीद
भल्ला ने बताया कि कांग्रेस की स्थानीय समितियों का पुनर्गठन जनवरी 2025 तक पूरा होने की संभावना है। पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी कर रही है और जनता से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है।
निष्कर्ष
उमर अब्दुल्ला की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने संयमित रुख अपनाया है। गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच फिलहाल कोई बड़ा तनाव नहीं दिखता। कांग्रेस ने स्थानीय स्तर पर अपनी गतिविधियों को तेज करते हुए आगामी चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है।