
देहरादून: मसूरी में कपड़ों का कारोबार करने वाले एक व्यवसायी के साथ साइबर ठगों ने करोड़ों की ठगी कर डाली। आरोपियों ने खुद को एक फर्नीचर निर्माण कंपनी का वित्तीय सलाहकार बताकर निवेश का झांसा दिया और व्यापारी को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अपने जाल में फंसा लिया।
व्हाट्सएप ग्रुप बना ठगी का जरिया
जाखन निवासी व्यापारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि 15 मार्च को उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। उस व्यक्ति ने खुद को ASK इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड का प्रतिनिधि बताते हुए कंपनी में निवेश करने का प्रस्ताव दिया।
ग्रुप में कई सदस्य पहले से एक्टिव थे और फर्जी स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे थे, जिसमें भारी मुनाफा दिखाया गया था। इससे कारोबारी को भरोसा हो गया और उन्होंने निवेश करने का फैसला किया।
72 लाख की और मांग पर टूटा भरोसा
17 मार्च से लेकर 4 अप्रैल के बीच, मनोज अग्रवाल ने कई बार में कुल 1 करोड़ 17 लाख रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। उन्हें कंपनी के डैशबोर्ड पर मुनाफा भी दिखाया गया, लेकिन जब पैसे निकालने की कोशिश की गई तो कहा गया कि निकासी के लिए पहले 72 लाख रुपए और जमा करने होंगे।
इस पर व्यापारी को शक हुआ और उन्होंने साइबर पुलिस से संपर्क किया।
मामला दर्ज, आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
मनोज की शिकायत पर देहरादून साइबर क्राइम थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सीओ साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा ने जानकारी दी कि जिन खातों में धनराशि ट्रांसफर हुई है, उनकी गहन जांच की जा रही है और डिजिटल ट्रेल खंगाला जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लगातार चल रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद लोग जल्द मुनाफे और लालच में फंसकर साइबर ठगों का आसान शिकार बन रहे हैं।