
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र 2025 के दौरान केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया। यह विधेयक देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन को लेकर नए प्रावधान लाने का प्रस्ताव रखता है। विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। जहां सरकार इसे पारदर्शिता और सुधार की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है, वहीं विपक्ष ने इसे “विभाजनकारी” और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला करार दिया है।
सरकार का तर्क: वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन
लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकने और उनके सही प्रबंधन के लिए यह संशोधन जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वक्फ कानून में कई खामियां हैं, जिनका फायदा उठाकर अनियमितताएं की जाती हैं।
सरकार के अनुसार, इस संशोधन से वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता आएगी और अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी। सरकार ने यह भी दावा किया कि विधेयक का उद्देश्य किसी समुदाय के अधिकारों को छीनना नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है।
विपक्ष का हमला: ‘अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला’
विपक्ष ने विधेयक को अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश करार दिया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP) और AIMIM जैसी पार्टियों ने सरकार पर तीखा हमला बोला। विपक्षी नेताओं का कहना है कि विधेयक के जरिए सरकार वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण पाना चाहती है और अल्पसंख्यकों की संपत्तियों को खतरे में डाल रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा,
“यह विधेयक देश को बांटने वाला है। सरकार को चाहिए कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे, न कि उन्हें कमजोर करे।”
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार का इरादा वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाने का है। उन्होंने कहा,
“वक्फ संपत्तियां हमारी धार्मिक धरोहर हैं। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।”
JDU के रुख पर सियासी हलचल
बिहार की राजनीति में इस विधेयक को लेकर हलचल मची हुई है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के रुख पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक, JDU इस बिल पर बीजेपी का समर्थन कर सकती है, जिससे राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। अगर JDU सरकार के पक्ष में खड़ी होती है, तो यह विपक्षी एकता के लिए झटका साबित हो सकता है।
क्या होगा आगे?
विधेयक पर लोकसभा में गहन चर्चा जारी है। इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस मुद्दे पर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस तेज हो गई है। अगर यह विधेयक पास होता है, तो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार विपक्ष के विरोध के बावजूद इस विधेयक को कैसे आगे बढ़ाती है और क्या इसमें कोई संशोधन किया जाता है या नहीं।