
देहरादून, 23 मई: देशभक्ति की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए साइबर ठग अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं। खुद को आर्मी वेलफेयर से जुड़ा बताकर ये ठग सोशल मीडिया के माध्यम से शहीदों और आतंकवाद पीड़ितों की मदद के नाम पर फर्जी बैंक खातों में डोनेशन मांग रहे हैं।
सेना की छवि का दुरुपयोग, QR कोड से मांगा जा रहा पैसा
साइबर ठग सोशल मीडिया पर खुद को भारतीय सेना का सदस्य या उससे जुड़ा कार्यकर्ता बताकर भावनात्मक अपील कर रहे हैं। उनका दावा है कि वे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में शहीद हुए जवानों और आम नागरिकों के परिवारों की मदद कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा QR कोड, बैंक खाता नंबर और गूगल फॉर्म जैसे लिंक साझा किए जा रहे हैं।
हालांकि, भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वह इस तरह का कोई भी डोनेशन अभियान सोशल मीडिया या व्यक्तिगत खातों के जरिए नहीं चलाती।
उत्तराखंड साइबर पुलिस की चेतावनी
उत्तराखंड साइबर पुलिस ने इसे साइबर ठगी का नया तरीका करार दिया है और लोगों को इस तरह के झांसे में न आने की सलाह दी है। साइबर क्राइम सेल के सीओ अंकुश मिश्रा ने कहा, “साइबर अपराधी लगातार नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं। अब देशभक्ति जैसे संवेदनशील मुद्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे लोग जल्दी भावनाओं में बह जाते हैं।”
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के किसी भी संदेश, QR कोड या अकाउंट नंबर को नज़रअंदाज करें और इसकी सूचना तुरंत साइबर सेल या नजदीकी पुलिस थाने में दें।
अभी तक राज्य में ऐसा कोई केस नहीं
फिलहाल उत्तराखंड में इस तरह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी नजर बनाए हुए है। अंकुश मिश्रा ने बताया कि जल्दी ही एक अधिकारिक एडवाइजरी जारी की जाएगी जिससे आम जनता को जागरूक किया जा सके।
जागरूकता ही है सबसे बड़ा हथियार
साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक, डोनेशन अपील या QR कोड पर भरोसा न करें। साथ ही, अपने बैंकिंग विवरण, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।