धर्म संसद को नहीं मिली अनुमति, कार्यक्रम रद्द
हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में गुरुवार, 19 दिसंबर को प्रस्तावित धर्म संसद को जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस फैसले के चलते आयोजकों को कार्यक्रम को निरस्त करना पड़ा।
स्वामी यति नरसिंहानंद ने जताई नाराजगी
धर्म संसद की अनुमति न मिलने पर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए हरिद्वार से सुप्रीम कोर्ट तक पदयात्रा करने की घोषणा की है।
प्रशासन ने हटवाए कार्यक्रम के इंतजाम
स्वामी यति नरसिंहानंद ने बताया कि प्रशासन ने टेंट और हलवाई समेत अन्य सभी व्यवस्थाओं को भी हटवा दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कही गई बातों को कोई गलत साबित करता है, तो वह अपना जीवन त्याग देंगे।
जनता को जागरूक करने का प्रयास
पदयात्रा के दौरान स्वामी यति नरसिंहानंद जनता को यह बताने का प्रयास करेंगे कि कर्तव्य निभाने वाले संतों को किस प्रकार दबाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की इस कार्रवाई से धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार किया गया है।
2021 का विवाद और जेल यात्रा
गौरतलब है कि इससे पहले 2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में स्वामी यति नरसिंहानंद, जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वसीम रिजवी), और स्वामी दिनेशानंद भारती पर हेट स्पीच का आरोप लगा था। इस मामले में तीनों को गिरफ्तार भी किया गया था।
मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र
धर्म संसद की अनुमति के लिए स्वामी यति नरसिंहानंद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खून से पत्र लिखा था। उन्होंने आग्रह किया था कि हरिद्वार में धर्म संसद आयोजित करने की अनुमति दी जाए।
आगे की योजना
धर्म संसद की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में स्वामी यति नरसिंहानंद ने पदयात्रा के साथ-साथ कानूनी और सामाजिक माध्यमों से अपनी आवाज उठाने की बात कही है। वहीं, हरिद्वार प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुमति नहीं दी गई।