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ट्रंप-जेलेंस्की वार्ता में बढ़ा तनाव, अमेरिका ने यूक्रेन को दी सख्त चेतावनी

Tension escalated in Trump-Zelensky talks, America gave a stern warning to Ukraine

वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब हालात एक नया मोड़ ले रहे हैं। 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हुई बैठक उम्मीदों के विपरीत तनावपूर्ण रही। ट्रंप ने सीधे शब्दों में यूक्रेन से कहा, “या तो शांति समझौते पर सहमत हो जाओ, या फिर हमारी मदद की उम्मीद छोड़ दो!”

तनावपूर्ण रही मुलाकात

बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई। अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन शांति वार्ता के लिए तैयार हो, जबकि जेलेंस्की रूस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने पर जोर दे रहे हैं। इसी बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी जेलेंस्की पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया, जिससे माहौल और गरमा गया।

जेलेंस्की के पहनावे पर टिप्पणी

बैठक के दौरान एक अमेरिकी पत्रकार ने जेलेंस्की के कैज़ुअल कपड़ों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उन्होंने औपचारिक सूट क्यों नहीं पहना। इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा, “मैं जब युद्ध जीतूंगा, तब सूट पहनूंगा!” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और कई लोगों ने उनकी दृढ़ता की सराहना की।

यूक्रेन को झटका, अमेरिका ने समर्थन पर जताई असहमति

बैठक के बाद ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया कि वह यूक्रेन को दी जा रही आर्थिक और सैन्य सहायता पर पुनर्विचार कर सकता है। इस दौरान अमेरिका ने यूक्रेन के साथ एक महत्वपूर्ण खनिज व्यापार समझौते को भी स्थगित कर दिया, जिससे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है।

क्या बदल जाएगा अमेरिका का रुख?

ट्रंप प्रशासन का यह सख्त रवैया दर्शाता है कि अमेरिका अब बिना शर्त यूक्रेन का समर्थन जारी रखने के पक्ष में नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि अमेरिका अपनी सहायता कम करता है, तो यूक्रेन को यूरोप और अन्य सहयोगी देशों से मदद की उम्मीद करनी होगी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस वार्ता के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका यूक्रेन से हाथ पीछे खींचता है, तो रूस को और अधिक आक्रामक रुख अपनाने का मौका मिल सकता है।

इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यूक्रेन के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। अब सबकी नजर इस बात पर है कि जेलेंस्की इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से कैसे निपटते हैं और अमेरिका-यूक्रेन के संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।

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