
चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने में असफलता के विरोध में पंजाब के किसानों ने सोमवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। इस बंद का असर रेल, सड़क, और व्यावसायिक गतिविधियों पर व्यापक रूप से देखने को मिला, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ।
रेल और सड़क यातायात ठप
पंजाब बंद के दौरान 221 ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें 163 ट्रेनें रद्द की गईं और 14 को पुनर्निर्धारित किया गया। वंदे भारत और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें भी प्रभावित रहीं। एनएच-44 सहित कई प्रमुख सड़कों पर किसानों ने धरना दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ। फगवाड़ा, नकोदर, होशियारपुर, और नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं।
आवश्यक सेवाओं को राहत
किसानों ने इमरजेंसी सेवाओं और विशेष जरूरतों के लिए राहत दी। हवाई यात्रियों, नौकरी के इंटरव्यू, और शादी में शामिल होने वालों को जाने की अनुमति दी गई।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “पंजाबियों ने अपनी एकता दिखाते हुए बंद का पूरा समर्थन किया है। ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हैं, और कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही।”
किसानों की मांग और आंदोलन की वजह
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी किसानों की प्रमुख मांग है। इसके साथ ही, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का भूख हड़ताल 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। दल्लेवाल ने स्पष्ट किया है कि वह तब तक अनशन नहीं तोड़ेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर तक जरूरत पड़ने पर केंद्र की सहायता से दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा:
“केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ देनी चाहिए और किसान संगठनों से बातचीत करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी, जो रूस-यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं, क्या वह 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते?”
व्यावसायिक गतिविधियों पर असर
पंजाब रोडवेज और निजी बस ऑपरेटरों ने भी चार घंटे के लिए अपनी सेवाएं निलंबित कर दीं। राज्य के कई हिस्सों में बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। किसानों के प्रदर्शन के कारण ट्रेन और बस यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आगे की राह
किसानों ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और तेज होगा। MSP की कानूनी गारंटी पर समाधान न निकलने तक किसानों का विरोध जारी रहेगा।