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उत्तराखंड पुलिस का “ड्रग्स फ्री”, सड़क सुरक्षा और साइबर अपराध पर जागरूकता अभियान तेज करने का संकल्प

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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने प्रदेश में “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” अभियान, सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और साइबर अपराधों के खिलाफ जनजागरूकता अभियान को तेज करने का संकल्प लिया है। बुधवार को पुलिस मुख्यालय में पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई), देहरादून चैप्टर के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपक सेठ ने बैठक में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में ड्रग्स तस्करी और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने नशे के बढ़ते प्रभाव को लेकर समाज की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए जन जागरूकता और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। डीजीपी ने कहा, “हम युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि समाज के हर वर्ग का इस अभियान में योगदान हो।”

सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की सख्ती

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने यातायात नियमों का पालन सख्ती से लागू किया है। डीजीपी ने बताया कि सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और पीआरएसआई जैसे संगठनों का सहयोग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, “हमने पुलिस चेकिंग को बढ़ा दिया है और जनता को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।”

साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता अभियान

साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। डीजीपी ने साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए लोगों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता को बताया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में लोगों को शिक्षित करना बेहद जरूरी है, ताकि साइबर अपराधों से बचा जा सके। इसके लिए पुलिस विभाग पीआरएसआई के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है।

पीआरएसआई का समर्थन

बैठक में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने पुलिस के अभियानों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हम ड्रग्स फ्री उत्तराखंड, सड़क सुरक्षा और साइबर अपराधों के खिलाफ जनजागरूकता अभियानों में अपनी जनसंपर्क विशेषज्ञता का पूरा इस्तेमाल करेंगे।” पीआरएसआई के सदस्यों ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए, जो इन अभियानों को और प्रभावी बनाने में सहायक होंगे।

बैठक में पीआरएसआई के सचिव अनिल सती, सदस्य प्रियांक, मनोज सती, आयुष, संजय बिष्ट, और प्रताप बिष्ट भी उपस्थित थे।

उत्तराखंड पुलिस और पीआरएसआई के संयुक्त प्रयासों से राज्य में ड्रग्स फ्री उत्तराखंड और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जन जागरूकता अभियान को और गति मिलेगी, जिससे प्रदेश में अपराध और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

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