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एशियन आर्म रेसलिंग में सिल्वर जीतने वाले राकेश क्षेत्री का अगला लक्ष्य इंटरनेशनल चैंपियनशिप

Rakesh Chhetri, who won silver in Asian Arm Wrestling, has the next target of International Championship

ऋषिकेश के रहने वाले 17 वर्षीय राकेश क्षेत्री ने एशियन आर्म रेसलिंग कप में सिल्वर मेडल जीतकर उत्तराखंड और देश का नाम रोशन किया है। 19 से 26 अक्टूबर तक मुंबई में आयोजित इस प्रतियोगिता में 14 देशों के 700 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जहां राकेश ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया।

मां के हाथों मिठाई और पिता का गर्व

मेडल जीतकर लौटने पर राकेश का जोरदार स्वागत किया गया। उनकी मां हीरा देवी और दोस्तों ने उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी। राकेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके पिता, भूपेंद्र सिंह, भारतीय सेना में तैनात हैं और वर्तमान में लद्दाख में देश की सेवा कर रहे हैं।

खेल के प्रति जुनून बचपन से

राकेश ने बताया कि बचपन से ही उन्हें खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का शौक था। यह जुनून ही उन्हें राज्य और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इससे पहले, उन्होंने स्टेट लेवल की कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतकर राज्य का मान बढ़ाया है।

कड़ी मेहनत और सपनों की उड़ान

राकेश का सपना अब इंटरनेशनल आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का है। आर्म रेसलिंग में भविष्य बनाने के लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावा, उनका एक और सपना मर्चेंट नेवी में करियर बनाने का है। उनके माता-पिता दोनों ही उनके इन लक्ष्यों को पाने में उनका समर्थन कर रहे हैं।

नशे से दूर रहने और मार्गदर्शन की सलाह

राकेश ने युवाओं को संदेश दिया कि जो लोग आर्म रेसलिंग में करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें सही मार्गदर्शन और नशे से दूरी बनाकर खुद को तैयार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के लिए यह जरूरी है कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह फिट रहे।

मां की उम्मीदें, बेटे का हौसला

राकेश की मां, हीरा देवी, ने कहा कि उनका बेटा न केवल राज्य का नाम रोशन कर रहा है, बल्कि उन्हें विश्वास है कि वह जल्द ही देश का गौरव बढ़ाएगा। राकेश के प्रयास और मेहनत से उनकी यह उम्मीद और मजबूत हो गई है।

एशियन आर्म रेसलिंग का सफर

मुंबई में आयोजित इस प्रतियोगिता में राकेश के प्रदर्शन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। सिल्वर मेडल जीतना उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और वह इसे अपने भविष्य के लक्ष्यों की ओर एक कदम के रूप में देखते हैं।

निष्कर्ष

राकेश क्षेत्री न केवल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि उनकी कहानी साबित करती है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और परिवार के समर्थन से किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है। अब, इंटरनेशनल चैंपियनशिप और मर्चेंट नेवी में करियर बनाने के लिए उनका जोश और भी ऊंचाइयों तक पहुंचने को तैयार है।

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