
नई दिल्ली: भारत के शेयर बाजार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मार्च 2025 की शुरुआत से अब तक भारत की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़कर 5.33 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह तेजी अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच पांच महीनों के सुधार के बाद आई स्थिर तेजी को दर्शाती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और निवेशकों के भरोसे को दिखाती है।
21% की जबरदस्त उछाल, विश्व में शीर्ष पर भारत
प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो मार्केट कैप में 21% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जो दुनिया के शीर्ष 10 इक्विटी बाजारों में सबसे अधिक है। इस आधार पर भारत वैश्विक स्तर पर अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।
भारत के बाद जर्मनी ने इस अवधि में लगभग 14% की बढ़त के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। कनाडा में मार्केट कैप में 11%, हांगकांग में 9%, जबकि जापान और यूके में 8% के आसपास की वृद्धि दर्ज की गई है।
सेंसेक्स और निफ्टी ने भी दिखाया दम
इस तेजी के पीछे भारत के प्रमुख शेयर सूचकांकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सेंसेक्स ने मार्च से अब तक 12.5% की वृद्धि दर्ज की है, वहीं निफ्टी में 13.5% की बढ़त देखने को मिली है। साथ ही, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी निवेशकों को भरपूर रिटर्न दिया है। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 20.7% और स्मॉलकैप में 26% से अधिक की तेजी रही है।
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि इस रैली के चलते बाजार का मूल्यांकन अब एक बार फिर उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिससे आगे निवेश करते समय सतर्कता बरतनी जरूरी हो गई है।
अन्य वैश्विक बाजारों की धीमी रफ्तार
भारत की तुलना में अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों की रफ्तार धीमी रही। संयुक्त राज्य अमेरिका, जो दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी बाजार है, ने केवल 2.4% की मामूली वृद्धि दर्ज की। चीन में मार्केट कैप 2.7%, फ्रांस में 3.9% और ताइवान में 3.2% की बढ़ोतरी हुई है।
निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत
भारत के मार्केट कैप में यह ऐतिहासिक उछाल वैश्विक निवेशकों के लिए एक मजबूत संकेत है कि देश की आर्थिक स्थिति, कॉर्पोरेट प्रदर्शन और नीतिगत स्थिरता ने मिलकर एक मजबूत निवेश माहौल तैयार किया है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो भारत आने वाले समय में अभी बड़े बाजारों को पीछे छोड़ सकता है।