
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत दर्ज की और 25 साल बाद सत्ता में वापसी की। गुरुवार को रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे।
रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री तो बनी हैं, लेकिन उनके पास अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों जैसी सभी शक्तियां नहीं होंगी। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है, इसलिए कई प्रमुख प्रशासनिक अधिकार केंद्र सरकार के पास सुरक्षित रहते हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री को किन शक्तियों की कमी?
1. पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं
दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आती है। ऐसे में मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर सीधे आदेश नहीं दे सकतीं।
2. भूमि मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं
दिल्ली में जमीन से जुड़े सभी मामलों का नियंत्रण केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास है। मुख्यमंत्री रियल एस्टेट, सरकारी जमीन या भूमि सुधार से जुड़े फैसले स्वतंत्र रूप से नहीं ले सकतीं।
3. म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCD) पर सीमित अधिकार
दिल्ली नगर निगम (MCD) स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करता है और केंद्र सरकार के अधीन रहता है। सफाई, सड़क निर्माण और नगर सेवाओं पर मुख्यमंत्री का सीमित प्रभाव होता है।
4. कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं
दिल्ली सरकार सुरक्षा बलों की तैनाती या हटाने का फैसला नहीं ले सकती। राजधानी की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है।
5. उपराज्यपाल (LG) की मंजूरी अनिवार्य
दिल्ली सरकार के बनाए गए किसी भी कानून या नीति को लागू करने से पहले उपराज्यपाल (LG) की मंजूरी जरूरी होती है। एलजी के पास वीटो पावर भी होती है, जिससे वे किसी भी निर्णय को केंद्र सरकार के पास भेज सकते हैं।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग फिर तेज
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग वर्षों से उठती रही है। कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली को संप्रभु शक्तियां देने की वकालत की है ताकि मुख्यमंत्री को सभी प्रशासनिक अधिकार प्राप्त हों।
पूर्ण राज्य क्यों जरूरी?
- कानून-व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुड़े मामलों में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए।
- स्थानीय सरकार को अधिक अधिकार देकर विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए।
- मुख्यमंत्री को राजधानी के प्रशासनिक फैसलों में पूर्ण भागीदारी देने के लिए।
निष्कर्ष
बीजेपी की जीत के साथ ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बहस फिर से गर्मा गई है। हालांकि, केंद्र सरकार का इस पर क्या रुख रहेगा, यह आने वाले समय में साफ होगा। फिलहाल, रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री तो बनी हैं, लेकिन उनके अधिकार सीमित रहेंगे।