
अयोध्या में दीपावली की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव ने नया कीर्तिमान स्थापित किया, जहां 25,12,585 दीयों का एक साथ प्रज्ज्वलन किया गया और 1,121 श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के तट पर एक साथ आरती की। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था, जिसने पूरे देश के लोगों को एकजुट किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा, “यह दीपोत्सव सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस बार का दीपोत्सव 25 लाख दीयों के साथ विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के साथ-साथ हमारी एकता और अखंडता का संदेश भी देता है।” उन्होंने कहा कि यह आयोजन उन ताकतों के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक है जो समाज में बंटवारा करने का प्रयास कर रही हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का समारोह
सीएम योगी को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रमाण पत्र सौंपा। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी निश्चल बरोट ने बताया कि इस रिकॉर्ड में 1,121 लोगों द्वारा एक साथ आरती करना दुनिया की सबसे बड़ी आरती के रूप में दर्ज किया गया है।
प्रधानमंत्री की उपस्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देखा और कहा, “यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। 500 वर्षों के बाद भगवान राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं। यह हमारे लिए गर्व का अवसर है।”
उत्सव का विशेष आकर्षण
दीपोत्सव में लेजर और लाइट शो ने सरयू घाट को जगमगा दिया। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता राम लीला का वर्णन था, जिसे ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, राज्य के सूचना और पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई 18 जीवंत झांकियां भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाती हैं।
समुदाय की भागीदारी
इस बार के दीपोत्सव में अयोध्या के निवासियों के साथ-साथ देशभर से भक्तों और पर्यटकों ने भी भाग लिया। यह आयोजन अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का जश्न मनाते हुए लाखों लोगों को आकर्षित करता है।
अयोध्या में दीपोत्सव हर साल एक महोत्सव की तरह मनाया जाता है, जो भगवान राम की 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। यह आयोजन न केवल अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की महानता को भी उजागर करता है।
इस बार के दीपोत्सव ने साबित कर दिया कि अयोध्या की यह परंपरा और भी भव्यता के साथ आगे बढ़ रही है, जो आने वाले वर्षों में और भी बड़ी सफलताएँ हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।