
रुद्रप्रयाग: गौ रक्षा विभाग और नगर पालिका ने मिलकर शहर में घूम रहे निराश्रित गौवंशों की सुरक्षा के लिए उनके गले में रेडियम बेल्ट पहनाने की पहल की है। इस अभियान के तहत करीब 25 गायों और बैलों को रेडियम बेल्ट पहनाए गए, जिससे रात के समय ये सड़क पर साफ नजर आ सकें और वाहन दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
क्यों जरूरी थी यह पहल?
नगर पालिका क्षेत्र और अन्य शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में निराश्रित गौवंश सड़कों पर घूम रहे हैं। खासकर रात के समय ये वाहन दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।
- सड़क पर बैठे हुए गौवंश रात में नजर नहीं आते, जिससे वाहन चालक उन्हें देख नहीं पाते और हादसे हो जाते हैं।
- काले रंग के गौवंश विशेष रूप से जोखिम में रहते हैं, क्योंकि वे अंधेरे में कम दिखते हैं।
- गौ रक्षा विभाग की अपील पर नगर पालिका ने रेडियम बेल्ट उपलब्ध कराए और सफाई कर्मियों की मदद से इन्हें गौवंश के गले में लगाया गया।
रेडियम बेल्ट से कैसे मिलेगी सुरक्षा?
गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष आरके डिमरी ने बताया कि
- रेडियम बेल्ट अल्ट्रा-रिफ्लेक्टिव सामग्री से बने होते हैं, जो वाहनों की हेडलाइट की रोशनी में चमकते हैं।
- इससे वाहन चालक दूर से ही गौवंश को देख सकते हैं और सतर्क होकर वाहन चला सकते हैं।
- यह पहल गौवंश और वाहन चालकों दोनों की जान बचाने में मदद करेगी।
गौवंश रक्षाशाला में देखभाल
गौ रक्षा विभाग द्वारा बदरीनाथ हाईवे के पास पपड़ासू गांव में एक गौवंश रक्षाशाला चलाई जा रही है, जहां करीब 30 निराश्रित गायों और बैलों की देखभाल की जा रही है।
- पिछले डेढ़ साल में गौ रक्षा विभाग ने 400 से अधिक घायल गौवंशों का इलाज किया है।
- 40 से ज्यादा गौवंश सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, जिससे यह पहल और भी जरूरी हो गई थी।
नगर पालिका का बयान
नगर पालिका सफाई निरीक्षक शिवराज सिंह पंवार ने कहा कि
“रात के समय सड़क पर बैठे गौवंश दिखाई नहीं देते, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। काले रंग के गौवंश सबसे अधिक जोखिम में रहते हैं। ऐसे में यह रेडियम बेल्ट पहल बहुत जरूरी थी।”
अभियान में शामिल लोग
इस मौके पर गौ रक्षा विभाग और नगर पालिका के कई अधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से सफाई निरीक्षक शिवराज सिंह पंवार, जिलाध्यक्ष आरके डिमरी, कोषाध्यक्ष संदीप कप्रवाण, उपाध्यक्ष दीपक नौटियाल, सचिव दीपक बिष्ट, अंकित राणा, कमल किशोर भट्ट, दुर्गा प्रसाद देवशाली, दुर्गेश चमोली और मनीष गोडियाल शामिल थे।
निष्कर्ष
गौ रक्षा विभाग और नगर पालिका द्वारा उठाया गया यह कदम निराश्रित गौवंशों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। रेडियम बेल्ट से न सिर्फ गौवंश की जान बचेगी बल्कि वाहन दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। यह प्रयास अन्य शहरों और राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।