
चोपता बना न्यू ईयर सेलिब्रेशन का हॉटस्पॉट
रुद्रप्रयाग: नए साल का स्वागत करने के लिए “मिनी स्विट्जरलैंड” कहे जाने वाले चोपता में देश-विदेश से पर्यटक उमड़ रहे हैं। बर्फबारी के बीच चोपता और दुगलबिट्टा की वादियां पर्यटकों के लिए स्वर्ग बन गई हैं। 30 दिसंबर से नए साल के पहले सप्ताह तक सभी टेंट और हट्स की बुकिंग फुल हो चुकी है।
पर्यटकों की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यापारी खुश
चोपता में सैलानियों की भीड़ से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। क्षेत्र में बढ़ती बुकिंग और पर्यटकों की आमद से होटल, टेंट और कैफे संचालकों को जबरदस्त मुनाफा हो रहा है।
स्थानीय व्यापारी मनोज रावत ने कहा, “इस बार पर्यटकों की संख्या उम्मीद से ज्यादा है। बर्फबारी ने लोगों को आकर्षित किया है, और इससे हमारे व्यवसाय में काफी सुधार हुआ है।”
लाइव बर्फबारी और तुंगनाथ धाम का अनुभव
चोपता के बुग्यालों पर पड़ी बर्फ की सफेद चादर और लाइव स्नोफॉल ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। सैलानी न केवल चोपता की खूबसूरती का आनंद ले रहे हैं, बल्कि तीन किमी के ट्रैक पर तृतीय केदार तुंगनाथ धाम की यात्रा भी कर रहे हैं।
पर्यटक अमृता ने बताया, “चोपता में चारों तरफ बर्फ की सफेदी देखकर दिल खुश हो गया। यह जगह नए साल का जश्न मनाने के लिए परफेक्ट है।”
पक्षी प्रेमियों का भी बना आकर्षण केंद्र
चोपता को “पक्षियों का स्वर्ग” कहा जाता है, जहां 240 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। इन दिनों बर्फबारी के बीच पक्षी प्रेमियों की संख्या भी बढ़ रही है। पंजाब से आए पक्षी प्रेमी गुरेंद्र जीत सिंह ने कहा, “चोपता में पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिल रही हैं। इनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”
जैव विविधता का खजाना
चोपता क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संरक्षण संगठनों ने एक महत्वपूर्ण जैव विविधता क्षेत्र के रूप में घोषित किया है। यहां तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग और हिमालयी मोनाल जैसे दुर्लभ जानवर भी देखे जा सकते हैं। बर्फबारी के कारण इन दिनों स्नो लेपर्ड की उपस्थिति ने क्षेत्र को और अधिक खास बना दिया है।
ऐतिहासिक धरोहर
चोपता में 1925 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया गेस्ट हाउस आज भी मौजूद है। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ इसका संचालन करता है। यह ऐतिहासिक धरोहर पर्यटकों को क्षेत्र के समृद्ध इतिहास से परिचित कराती है।
नए साल का स्वागत चोपता में
पर्यटकों का कहना है कि चोपता की वादियों में आकर धरती पर स्वर्ग का एहसास होता है। पर्यटक श्रेया, प्रतीक, और शशांक ने बताया कि नए साल का जश्न मनाने के लिए यह जगह बेस्ट है। “लाइव बर्फबारी और शांत वादियों ने इस न्यू ईयर को खास बना दिया है।”
निष्कर्ष
चोपता-दुगलबिट्टा इस समय पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। बढ़ती भीड़ और स्थानीय व्यापारियों की मुस्कान के बीच यह क्षेत्र नए साल के जश्न का मुख्य केंद्र बन चुका है। बर्फबारी, पक्षी दर्शन, और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर चोपता निश्चित रूप से हर पर्यटक के लिए एक यादगार अनुभव साबित हो रहा है।