
हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को दूषित भोजन और पानी के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य खतरों से अवगत कराया जा सके। उत्तराखंड में भी त्योहारों के दौरान मिलावटी खाद्य पदार्थों की सप्लाई बढ़ जाती है, जिससे आमजन की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है। इस चुनौती से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने कई नए कदम उठाए हैं।
खाद्य सुरक्षा की अनिवार्यता
आज के तेजी से बदलते जीवनशैली में फास्ट फूड और मिलावटी खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 की थीम ‘फूड सेफ्टी: साइंस इन एक्शन’ के तहत लोगों को सुरक्षित, शुद्ध और संतुलित भोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। दूषित भोजन और असुरक्षित पानी के कारण पीलिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
त्योहारों में बढ़ती मिलावट और विभाग की सक्रियता
वित्तीय वर्ष 2024-25 में खाद्य सुरक्षा विभाग ने विभिन्न खाद्य पदार्थों के 1684 सैंपल एकत्र किए, जिनमें दूध, मसाले, मिठाई, पनीर आदि शामिल थे। त्योहारों के दौरान मिलावट की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिनके खिलाफ विभाग ने सख्त छापेमारी कर भारी मात्रा में मिलावटी सामान नष्ट किया है। बावजूद इसके मिलावटखोरी रोकना अभी भी बड़ी चुनौती है।
मोबाइल टेस्टिंग वैन से तत्काल जांच
खाद्य सुरक्षा विभाग को केंद्र सरकार से तीन मोबाइल टेस्टिंग वैन प्राप्त हुई हैं, जो मेलों और यात्रा मार्गों पर खाद्य पदार्थों की जांच तत्काल करने में सहायक होंगी। इससे जांच के परिणाम तुरंत मिलेंगे और जनता को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके अलावा, देहरादून में नई फूड टेस्टिंग लैब स्थापित करने का कार्य जारी है, जिससे जांच क्षमता में वृद्धि होगी।
खाद्य विक्रेताओं को ट्रेनिंग और जागरूकता
रुद्रपुर में लगभग 1000 खाद्य विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन कर सकें। साथ ही केंद्र सरकार से 10 और मोबाइल टेस्टिंग वैन मंगाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, जिससे हर जिले में कम से कम एक टेस्टिंग वैन उपलब्ध हो सकेगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. रविंद्र सिंह राणा ने कहा कि असुरक्षित भोजन से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने लोगों को घर का बना साफ-सुथरा खाना और साफ पानी पीने की सलाह दी है तथा स्ट्रीट फूड के अत्यधिक सेवन से बचने की हिदायत दी है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके भोजन की सुरक्षा और गुणवत्ता के प्रति जागरूक करना है। इस दिन भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा राज्यों की खाद्य सुरक्षा रैंकिंग भी जारी की जाती है, जिससे खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जा सकें।