
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बहाल किया विदेशी मुद्रा लाइसेंस
शिरडी (अहिल्यानगर): शिरडी साईं बाबा संस्थान के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संस्थान को एक बार फिर विदेशी मुद्रा में दान स्वीकार करने की अनुमति दे दी है. इससे भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है. अब संस्थान न केवल विदेशी मुद्रा में दान स्वीकार कर सकेगा, बल्कि पहले से जमा विदेशी मुद्रा का भी उपयोग कर पाएगा.
2021 में क्यों बंद हुई थी विदेशी मुद्रा में दान लेने की सुविधा?
कोविड-19 महामारी के दौरान, तकनीकी कारणों के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साईं संस्थान सहित कई प्रमुख धार्मिक स्थलों के विदेशी मुद्रा लाइसेंस फ्रीज कर दिए थे. इसकी वजह से 31 दिसंबर 2021 से संस्थान में विदेशी मुद्रा स्वीकार करने की प्रक्रिया बंद हो गई थी.
फिर भी भक्तों ने दान देना जारी रखा
भले ही विदेशी मुद्रा स्वीकार करने की आधिकारिक सुविधा बंद थी, लेकिन श्रद्धालुओं ने दान पेटियों में विदेशी नोट, चेक और अन्य रूपों में दान देना जारी रखा. इस दौरान संस्थान को करीब 20 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई, लेकिन इसे उपयोग में नहीं लाया जा सका.
लगातार प्रयासों के बाद मिला सफलता
संस्थान के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर की कोशिशों से गृह मंत्रालय ने 2021 से 2026 तक विदेशी मुद्रा लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया है. अब संस्थान पहले से जमा विदेशी मुद्रा का उपयोग करने के लिए भी स्वतंत्र होगा.
श्रद्धालुओं को होगी राहत, तुरंत शुरू हुई प्रक्रिया
विदेशी मुद्रा में दान की सुविधा फिर से शुरू होते ही श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है. अब दान पेटी, दान काउंटर और ऑनलाइन माध्यम से भी विदेशी मुद्रा में दान दिया जा सकता है.
पहले ही दिन ब्रिटेन से आए भक्त ने किया 300 डॉलर का दान
जैसे ही विदेशी मुद्रा स्वीकार करने की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई, ब्रिटेन से आए एक श्रद्धालु ने 300 डॉलर का दान दिया. इससे साफ है कि भक्तजन इस सुविधा के पुनः शुरू होने से बेहद उत्साहित हैं.
अधिकारियों ने किया फैसले का स्वागत
संस्थान की मुख्य लेखा अधिकारी मंगला वराडे और लेखा अधिकारी अविनाश कुलकर्णी ने इस फैसले पर खुशी जताई और कहा कि इससे संस्थान को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से संचालित करने में मदद मिलेगी.
साईं भक्तों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है!
शिरडी साईं बाबा संस्थान के पास अब विदेशी मुद्रा के माध्यम से दान प्राप्त करने और उसका उपयोग करने की पूरी छूट है. इससे संस्थान को अपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों को और प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.