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श्री संजय गुंज्याल को “राष्ट्रपति पुलिस पदक” से सम्मानित

Shri Sanjay Gunjyal awarded with "President's Police Medal"

ITBP रेज़िंग डे परेड-2025 में विशिष्ट सेवाओं के लिए मिला सर्वोच्च सम्मान

भुवनेश्वर (ओडिशा): 1997 बैच के उत्तराखण्ड कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी और वर्तमान में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में आईजी (IG) के रूप में कार्यरत श्री संजय गुंज्याल को “राष्ट्रपति पुलिस पदक” से सम्मानित किया गया। गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने ITBP की रेज़िंग डे परेड-2025 के भव्य आयोजन के दौरान यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें प्रदान किया। श्री गुंज्याल को यह पुरस्कार उनकी असाधारण और विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया गया है, जो सुरक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान को रेखांकित करता है।

उत्तराखण्ड में सेवा का विशिष्ट रिकॉर्ड

श्री संजय गुंज्याल ने उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों और रेंज में अपनी सेवाएं दी हैं। हरिद्वार में आयोजित पूर्ण कुंभ मेले (2016) के सफल और निर्बाध आयोजन में उनकी भूमिका को व्यापक सराहना मिली थी। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की ओर से ताम्र पत्र से सम्मानित किया गया था। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक, प्रधानमंत्री जीवन-रक्षा पदक, और संयुक्त राष्ट्र सेवा पदक जैसे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

ITBP में उत्कृष्टता का परिचय

IG ITBP के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में, श्री गुंज्याल ने प्रशासनिक कार्यों और संगठन की कार्यक्षमता में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। उनकी नेतृत्व क्षमताओं और अनुशासन ने बल के संचालन में सुधार किया है। उनकी इन असाधारण उपलब्धियों के लिए उन्हें इस वर्ष “DG ITBP इंसिग्निया गोल्ड डिस्क” से भी सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सुसज्जित करियर

श्री गुंज्याल का करियर उपलब्धियों से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री जीवन-रक्षा पदक और संयुक्त राष्ट्र सेवा पदक जैसे सम्मान उनके कार्य के प्रति समर्पण और कुशलता को दर्शाते हैं। उनका योगदान केवल कानून और सुरक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने भी उन्हें अलग पहचान दिलाई है।

गर्व का क्षण

श्री संजय गुंज्याल का “राष्ट्रपति पुलिस पदक” से सम्मानित होना न केवल उनके लिए बल्कि उत्तराखण्ड और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उनका समर्पण, अनुशासन, और नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी उपलब्धियां भारतीय पुलिस सेवा और अर्धसैनिक बलों के उच्च मानकों को स्थापित करने का उदाहरण हैं।

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