
रोजगार रेशियो में 64.33 प्रतिशत की वृद्धि
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को जानकारी दी कि 2014 से 2024 तक मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के रोजगार रेशियो में 64.33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2014-2015 में यह आंकड़ा 47.15 करोड़ था, जो अब 36 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 64.33 करोड़ तक पहुंच चुका है।
यूपीए और एनडीए सरकार के बीच तुलना
मंत्री ने बताया कि यूपीए सरकार (2004-2014) के दौरान केवल 2.9 करोड़ नौकरियां सृजित की गईं, जबकि मोदी सरकार (2014-2024) के तहत यह आंकड़ा 17.19 करोड़ हो गया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2014 में रोजगार 44.23 करोड़ था, जो अब 47.15 करोड़ हो गया है।
क्षेत्रवार नौकरियों में वृद्धि
- कृषि क्षेत्र: 2014-2023 के दौरान रोजगार में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 2004-2014 के दौरान 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: मोदी सरकार के दौरान रोजगार में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि यूपीए के समय केवल 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
- सर्विस सेक्टर: 2014-2023 के बीच रोजगार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 2004-2014 में यह 25 प्रतिशत थी।
बेरोजगारी दर में कमी और रोजगार दर में इजाफा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेरोजगारी दर (UR) 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है। इसी दौरान रोजगार दर (WPR) 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 58.2 प्रतिशत हो गई है।
श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि
श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि सितंबर 2017 से सितंबर 2024 के बीच, औपचारिक नौकरी बाजार में 18-28 वर्ष की आयु वर्ग के 4.7 करोड़ युवा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शामिल हुए हैं।
पिछले साल 4.6 करोड़ नई नौकरियां सृजित
डॉ. मंडाविया ने बताया कि 2023-24 में ही मोदी सरकार ने देश में लगभग 4.6 करोड़ नई नौकरियां सृजित की हैं। यह आंकड़ा देश में रोजगार सृजन की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।