
बेगूसराय में कांग्रेस की नई रणनीति
बिहार की राजनीति में शनिवार को एक नई ऊर्जा का संचार हुआ, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने बेगूसराय में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में संयुक्त रूप से भाग लिया। यह यात्रा पहले कन्हैया कुमार की अगुवाई में शुरू हुई थी, लेकिन राहुल गांधी के शामिल होते ही यह एक सशक्त जनआंदोलन में तब्दील हो गई।
हजारों की भीड़ और जोश से गूंजा बेगूसराय
सुभाष चौक से शुरू हुई पदयात्रा में हजारों की संख्या में लोग जुटे, जिनमें कांग्रेस कार्यकर्ता, युवा और स्थानीय लोग शामिल थे। सभी ने एक जैसे सफेद टी-शर्ट पहन रखे थे, जिन पर ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ का नारा छपा था। यात्रा के दौरान राहुल गांधी पर फूलों की बारिश की गई और “राहुल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं” जैसे नारों से माहौल गूंज उठा।
राहुल गांधी का युवाओं को संदेश
राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान कहा, “बिहार के युवा हर साल रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं, जबकि सरकार केवल वादे करती है। इस पदयात्रा का मकसद है कि हम सब मिलकर एक आवाज़ उठाएं – ‘पलायन रोको, नौकरी दो’।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस केवल चुनाव नहीं लड़ रही, बल्कि युवाओं के अधिकारों के लिए जमीनी स्तर पर संघर्ष कर रही है।
कन्हैया कुमार का नेतृत्व और लक्ष्य
कन्हैया कुमार, जो खुद बेगूसराय से हैं, इस अभियान के मुख्य आयोजक हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ एक जन आंदोलन है। हम इसे बिहार के अन्य जिलों तक भी ले जाएंगे।” उन्होंने उन ताकतों की भी आलोचना की जो केवल धर्म के नाम पर राजनीति कर रही हैं।
राजनीति पर संभावित असर
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस पदयात्रा के जरिए कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए युवाओं को केंद्र में लाकर मजबूत दांव चला है। अगर कांग्रेस युवाओं से सीधा संवाद स्थापित कर पाती है, तो यह अभियान राज्य की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
यह पदयात्रा बताती है कि कांग्रेस अब स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देकर जनता से जुड़ने की नई कोशिश कर रही है।