देहरादून, 8 जनवरी 2025: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में संचालित अवैध मदरसों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में अवैध मदरसों और अतिक्रमण जैसी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अब तक 190 अवैध मदरसों की पहचान की गई है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश में कानून का पालन हो और पारदर्शिता बनी रहे।
उधम सिंह नगर में सबसे ज्यादा 129 अवैध मदरसे
जांच के दौरान उधम सिंह नगर जिले में 129 अवैध मदरसे पाए गए हैं। इन मदरसों में हजारों की संख्या में बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रशासन को न तो इन मदरसों का कोई पंजीकरण मिला है और न ही इनकी गतिविधियों के बारे में पहले से कोई जानकारी थी। अधिकारियों का कहना है कि इनमें पढ़ने वाले अधिकांश छात्र उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से हैं, जो यहां बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड के रह रहे हैं।
देहरादून में 35 अवैध मदरसे
राजधानी देहरादून में अब तक 35 मदरसों को अवैध रूप से संचालित पाया गया है। इनमें से 18 विकास नगर क्षेत्र में, 6 डोईवाला, 1 कालसी और 10 अन्य इलाकों में स्थित हैं। इन मदरसों में करीब 3,000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सत्यापन के दौरान इन मदरसों का कोई पंजीकरण रिकॉर्ड नहीं मिला। सभी अवैध मदरसों को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
आर्थिक स्रोतों की जांच
उत्तराखंड पुलिस और एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) इन मदरसों की आय के स्रोत और फंडिंग की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि इन मदरसों को फंडिंग कहां से मिल रही है और इनका संचालन कौन कर रहा है। साथ ही, यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि इन मदरसों का पंजीकरण क्यों नहीं कराया गया और क्या इनके पीछे कोई बड़ी साजिश है।
नैनीताल में 26 मदरसे अवैध पाए गए
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में जांच के दौरान 26 अवैध मदरसों का पता चला है। यह जानकारी चौंकाने वाली है क्योंकि इन मदरसों के पास न तो कोई पंजीकरण है और न ही इनकी गतिविधियों का रिकॉर्ड। राज्य सरकार के निर्देश के तहत जिलाधिकारी इन मदरसों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपने की प्रक्रिया में हैं।
सरकार का कड़ा रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में किसी भी अवैध गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अवैध मदरसों, अतिक्रमण या किसी अन्य गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सत्यापन के दौरान जो भी अवैध पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि छात्रों की पढ़ाई और उनका भविष्य इस अभियान से प्रभावित न हो।
अवैध मदरसों को बंद करने की प्रक्रिया
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में संचालित अवैध मदरसों का सत्यापन कार्य जोरों पर है। जिन मदरसों का पंजीकरण नहीं है, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि छात्रों को वैकल्पिक स्कूलों में स्थानांतरित किया जाए ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।
जनता का समर्थन भी जरूरी
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे मदरसों की जानकारी प्रशासन को दें जो अवैध रूप से चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन और जनता के बीच सामंजस्य जरूरी है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान से राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पारदर्शिता लाने की सरकार की मंशा स्पष्ट है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य में शिक्षा का अधिकार केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों तक सीमित रहे और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगे।