
मुख्य बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप:
- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद में निचली अदालत को किसी भी कार्रवाई से रोक दिया है।
- जब तक मस्जिद समिति की याचिका सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध नहीं हो जाती, निचली अदालत को आगे कोई कदम नहीं उठाने का निर्देश।
- राज्य सरकार और प्रशासन को निर्देश:
- कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कदम उठाने को कहा।
- जिला प्रशासन को शांति समिति का गठन कर सामाजिक सौहार्द सुनिश्चित करने का आदेश।
- सुनवाई का विवरण:
- मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की बेंच ने की।
- मस्जिद समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दलील दी, जिसमें निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई।
- कोर्ट ने मस्जिद समिति से पूछा कि उन्होंने हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया।
- कोर्ट की मंशा:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की मेरिट पर नहीं जाना चाहता।
- अदालत का उद्देश्य शांति और सद्भाव बनाए रखना है।
- अधिवक्ताओं के तर्क:
- हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मांग की कि 8 जनवरी को ट्रायल कोर्ट की सुनवाई तक कोई और विवाद उत्पन्न न हो।
- अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने प्रशासन की ओर से शांति सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया।
कोर्ट की अपील:
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और जिला प्रशासन को कहा कि शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए हर संभव एहतियात बरता जाए।
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