
अयोध्या: राम मंदिर में इस वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी। यह अद्भुत नज़ारा अब अगले 20 वर्षों तक स्थायी रहेगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सीबीआरआई रुड़की के इंजीनियरों ने विशेष उपकरण तैयार किया है।
मंदिर निर्माण समिति ने दी जानकारी
मंदिर निर्माण समिति की बैठक में अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गर्भगृह तक सूर्य के प्रकाश को पहुंचाने की तकनीक को कंप्यूटर में प्रोग्राम कर दिया गया है। अब हर साल रामनवमी पर दुनिया भर के श्रद्धालु सूर्य तिलक का दर्शन कर सकेंगे।
रामकथा संग्रहालय को मिलेगा आधुनिक स्वरूप
बैठक के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित सरयू तट स्थित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय की गैलरी को आधुनिक और पारंपरिक रूप देने पर चर्चा हुई। इस दौरान परिसर का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जल्द ही 20 नई गैलरियों की शुरुआत की जाएगी।
राम मंदिर के तीन मुख्य द्वारों को मिलेगा पूज्य आचार्यों का नाम
राम मंदिर परिसर में बन रहे तीन मुख्य द्वारों के नाम हिंदू धर्म के पूज्य आचार्यों के नाम पर रखे जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नवरात्रि के दौरान इनके नामों की घोषणा कर सकता है। इस संबंध में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से चर्चा की जा चुकी है।
श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थायी कैनोपी लगाने की योजना फिलहाल रामनवमी तक पूरी नहीं हो सकेगी। ऐसे में ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि अस्थायी रूप से कैनोपी और मैट की व्यवस्था की जाएगी ताकि भक्तों को कुछ राहत मिल सके।
राम दरबार दर्शन की सीमित अनुमति
राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना अप्रैल में 15 दिनों के भीतर शुभ मुहूर्त में की जाएगी। यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पास जारी किया जाएगा, जो निःशुल्क होगा। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि एक घंटे में लगभग 50 और एक दिन में लगभग 800 भक्तों को ही यह पास मिलेगा।
वर्तमान में प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन सभी को यह विशेष सुविधा देना संभव नहीं होगा। इस योजना के तहत चयनित श्रद्धालुओं को विशेष राम दरबार दर्शन का अवसर मिलेगा।