
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट 2025
1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। यह बजट 2024 के पूर्ण बजट के छह महीने बाद पेश किया जाएगा। टैक्सपेयर इस बजट में टैक्स दरों में कटौती और छूट सीमा के विस्तार को लेकर काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
धारा 80C में कटौती सीमा बढ़ने की संभावना
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C टैक्स बचाने के लिए करदाताओं का पसंदीदा विकल्प है। इस धारा के तहत करदाताओं को योग्य निवेश और खर्च के लिए 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती की सुविधा मिलती है।
- समस्या: यह सीमा 2014 से स्थिर है और करदाताओं के लिए अब यह प्रतिबंधात्मक लगती है।
- समाधान: बजट 2025 में इस सीमा को 2 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
धारा 80C के तहत कौन-कौन से निवेश आते हैं?
इस धारा में कई लोकप्रिय निवेश और बचत योजनाएं शामिल हैं:
- एलआईसी (LIC): जीवन बीमा प्रीमियम।
- पीपीएफ (PPF): पब्लिक प्रॉविडेंट फंड।
- ईएलएसएस (ELSS): इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम।
- हाउसिंग लोन: आवास ऋण का मूलधन भुगतान।
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): टैक्स सेविंग सावधि जमा।
टैक्सपेयर की प्रमुख अपेक्षाएं
- 80C की सीमा बढ़ाना:
- करदाताओं की मांग है कि इसे 1.5 लाख रुपये से 2 लाख रुपये किया जाए।
- इससे करदाताओं को बचत और निवेश के लिए अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
- टैक्स दरों में कटौती:
- विशेष रूप से मध्यमवर्गीय करदाताओं के लिए टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद।
- महंगाई को देखते हुए समायोजन:
- 2014 के बाद से कोई बदलाव नहीं होने के कारण महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए कटौती सीमा में वृद्धि की मांग।
बजट 2025 से संभावित लाभ
- आर्थिक विकास में तेजी: कर छूट बढ़ने से लोगों की बचत और निवेश क्षमता में इजाफा होगा।
- करदाताओं को राहत: उच्च छूट सीमा से करदाताओं को अतिरिक्त बचत का लाभ मिलेगा।
- मध्यम वर्ग का सशक्तिकरण: करदाताओं को अधिक कटौती का अवसर देकर उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
बजट पर सभी की नजरें:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के कार्यकाल में इस बजट से मध्यम वर्ग और टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरे फैसले की उम्मीद की जा रही है। अगर धारा 80C की सीमा में बदलाव होता है, तो यह एक दशक बाद बड़ा सुधार होगा।