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बाड़मेर की बेटी प्रियदर्शनी ने रचा कीर्तिमान: 14 सेकंड में 51 ओडिसी मुद्राओं के साथ ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज किया नाम

Barmer's daughter Priyadarshini created a record: Name registered in 'India Book of Records' with 51 Odissi postures in 14 seconds

बाड़मेर, राजस्थान: कक्षा 9वीं में अध्ययनरत प्रियदर्शनी बहेरा ने ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज कराकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ओडिशा मूल की 14 वर्षीय प्रियदर्शनी ने महज 14 सेकंड में ओडिसी नृत्य की 51 मुद्राओं का प्रदर्शन करके यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। पढ़ाई में अव्वल प्रियदर्शनी न केवल डांस में, बल्कि पेंटिंग और अन्य कलाओं में भी निपुण हैं, जिसके चलते उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

ऑनलाइन ओडिसी नृत्य सीखकर रचा इतिहास

प्रियदर्शनी का परिवार ओडिशा से है, लेकिन बाड़मेर में ओडिसी नृत्य की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होंने ओडिशा की नृत्यांशी अकादमी से पिछले 5 सालों से ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया। गुरु राजश्री दास के मार्गदर्शन में उन्होंने ओडिसी नृत्य की बारीकियां सीखीं। प्रियदर्शनी का कहना है कि शुरुआत में रिकॉर्ड बनाने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन डांस सीखते वक्त उन्हें यह विचार आया और फिर उन्होंने ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ के लिए तैयारी शुरू की।

रिकॉर्ड बनाने की अनोखी उपलब्धि

1 जुलाई 2024 को, प्रियदर्शनी ने 28 संजुक्त हस्त मुद्राओं और 23 असंजुक्त हस्त मुद्राओं को मिलाकर 51 हस्त मुद्राओं का सबसे तेज 14 सेकंड में प्रदर्शन करके रिकॉर्ड बनाया। अब, ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ द्वारा उन्हें सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित किया गया है। प्रियदर्शनी का कहना है कि यह रिकॉर्ड उनकी मेहनत और परिवार के सहयोग का नतीजा है, लेकिन उनका असली सपना ओडिशा की कला और संस्कृति को देश और दुनिया में पहचान दिलाना है।

सीमित समय में मोबाइल का उपयोग, सोशल मीडिया से दूरी

प्रियदर्शनी का एक अनुशासित दिनचर्या है। पढ़ाई और डांस के बाद वे ब्रेक टाइम के रूप में 5-10 मिनट तक ही मोबाइल का उपयोग करती हैं और सोशल मीडिया से दूर रहती हैं। उनका मानना है कि समय का सही उपयोग करते हुए प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना चाहिए, क्योंकि इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

परिवार का अटूट सहयोग

प्रियदर्शनी की मां रश्मि बहेरा, जो उनकी पहली गुरु भी हैं, ने बताया कि बेटी की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है। उन्होंने हमेशा प्रियदर्शनी के हर सपने को पूरा करने का प्रयास किया है। प्रियदर्शनी के पिता प्रदीप कुमार बहेरा सरकारी सेवा में हैं, और बड़ी बहन भी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में मदद करती हैं।

प्रियदर्शनी ने न सिर्फ बाड़मेर, बल्कि पूरे ओडिशा का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में मेहनत और दृढ़ संकल्प से काम कर रहे हैं।

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