Blogदेशस्वास्थ्यस्वास्थ्य

भारत में कोविड-19 मामलों में फिर उछाल, सक्रिय केस 5,755 तक पहुंचे; गर्भवती महिला की मौत से हड़कंप

Covid-19 cases surge again in India, active cases reach 5,755; Panic due to death of pregnant woman

नई दिल्ली, 7 जून 2025 — भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह 8:00 बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,755 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 391 नए मामले दर्ज किए गए हैं और चार मरीजों की मौत हुई है।

इन चार मौतों में से एक मध्य प्रदेश की 9 महीने की गर्भवती महिला की थी, जिसकी कोरोना संक्रमण से मृत्यु ने स्वास्थ्य व्यवस्था और समाज दोनों को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और संक्रमण से गंभीर खतरा अब भी बना हुआ है, खासकर कमजोर और जोखिमग्रस्त समूहों के लिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी बदलाव और कोविड-19 के नए उप-वेरिएंट्स के चलते संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि हो रही है। हालांकि मौजूदा केस संख्या पहले की तुलना में काफी कम है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। संक्रमण दर में हल्की वृद्धि को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर आ गई हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर दोबारा जोर देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अस्पतालों को तैयार रहने और ऑक्सीजन व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।

जनता से अपील की गई है कि वे कोविड-उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथों की स्वच्छता और भीड़-भाड़ से बचने जैसे उपायों का पालन करें। जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं लगवाया है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है।

बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों ने स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है। दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में निगरानी बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और सार्वजनिक परिवहन में रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी गई है ताकि संभावित संक्रमण को जल्द पहचाना जा सके।

विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि भविष्य में किसी भी लहर को रोकने के लिए सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है। महामारी की पिछली लहरों से मिले अनुभव हमें यही सिखाते हैं कि लापरवाही भारी पड़ सकती है।

निष्कर्षतः, भले ही कोविड-19 की गंभीरता पहले जैसी न हो, लेकिन इसका खतरा पूरी तरह टला नहीं है। सरकार और नागरिकों, दोनों को मिलकर सतर्क रहना होगा ताकि हालात दोबारा बेकाबू न हों।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button