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10 लाख रुपये से अधिक साइबर ठगी पर सीधे दर्ज होगी FIR, हेल्पलाइन या पोर्टल से की गई शिकायत मानी जाएगी प्रथम सूचना

FIR will be registered directly for cyber fraud of more than Rs 10 lakh, complaint made through helpline or portal will be considered as first information

नई दिल्ली, 21 मई — साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये से अधिक की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होता है और इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यम से करता है, तो इसे सीधे FIR में बदल दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाना और साइबर अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना है।

FIR दर्ज कराने की प्रक्रिया होगी आसान
अब तक साइबर अपराध के मामलों में अक्सर पीड़ितों को थानों के चक्कर काटने पड़ते थे और कई बार उनकी शिकायतें दर्ज भी नहीं होती थीं। लेकिन नए निर्देशों के तहत यदि ठगी की राशि ₹10 लाख या उससे अधिक है, तो पोर्टल या हेल्पलाइन के जरिए दर्ज की गई शिकायत स्वतः प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) मानी जाएगी और संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस को कार्रवाई करनी होगी।

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को मिलेगी कानूनी मान्यता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि साइबर ठगी से संबंधित गंभीर मामलों में, विशेष रूप से जहां बड़ी रकम का नुकसान हुआ है, वहां पोर्टल पर दर्ज शिकायत को विधिक रूप से FIR के समकक्ष माना जाएगा। इससे साइबर अपराधों के पीड़ितों को राहत मिलेगी और जांच प्रक्रिया को गति मिलेगी।

पुलिस और साइबर सेल को निर्देश जारी
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी से जुड़ी हर शिकायत पर प्राथमिकता से कार्यवाही की जाए। इसके तहत संबंधित थानों और साइबर सेल को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।

साइबर सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त
सरकार का यह कदम साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। डिजिटल लेनदेन के बढ़ते प्रचलन के साथ ही साइबर ठगों की सक्रियता भी बढ़ी है। ऐसे में यह निर्णय पीड़ितों को न्याय दिलाने और साइबर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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