
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में बड़ा बदलाव करते हुए लाभार्थियों को राहत देने का ऐलान किया है। अब राज्य के वृद्धजनों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगजनों को हर महीने ₹1100 की पेंशन दी जाएगी, जो पहले की तुलना में दोगुने से अधिक है। यह फैसला खास तौर पर आगामी चुनावों से पहले सरकार द्वारा जनता के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है।
वृद्धजनों की गरिमा सर्वोपरि: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि, “वृद्धजन समाज की धरोहर हैं और उनका सम्मानजनक जीवन-यापन सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार समाज के कमजोर तबकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।”
चुनावी समीकरणों पर असर
राजनीतिक दृष्टिकोण से यह घोषणा आने वाले चुनावों में सत्तारूढ़ दल के लिए फायदे का सौदा बन सकती है। बीते कुछ समय से विपक्षी दलों ने सरकार को गरीब वर्ग और सामाजिक योजनाओं की अनदेखी को लेकर घेरा था। ऐसे में यह निर्णय न केवल विपक्षी हमलों को जवाब देता है, बल्कि सरकार की जनकल्याणकारी छवि को भी मजबूत करता है।
योजना का प्रभाव
बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाखों वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजन पंजीकृत हैं। इस राशि में हुई वृद्धि से उन्हें रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में राहत मिलेगी। यह फैसला उन लोगों के लिए खास मायने रखता है, जिनकी आर्थिक निर्भरता केवल पेंशन राशि पर टिकी होती है।
सरकार की नीति में स्पष्टता
नीतीश सरकार पहले से ही वृद्धजन पेंशन, विधवा सहायता और दिव्यांग पेंशन जैसी योजनाओं को लेकर सक्रिय रही है, लेकिन इस बार की घोषणा इन योजनाओं के बजटीय प्रावधानों और संवेदनशीलता दोनों को दर्शाती है। इससे स्पष्ट है कि सरकार समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि का यह निर्णय एक ओर जहां जनसरोकारों से जुड़ा कदम है, वहीं दूसरी ओर यह आगामी चुनावों से पहले जनता का विश्वास अर्जित करने की रणनीति भी है। इस घोषणा से सरकार को जनसमर्थन मिलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।