
नई दिल्ली 25 सितंबर 2024: भारत ने रूस और जापान को पीछे छोड़ते हुए पहली बार दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बनने की उपलब्धि हासिल की है। इस ऐतिहासिक सफलता से भारत ने न केवल अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी अपना वर्चस्व स्थापित किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह सफलता उसके मजबूत सैन्य, तकनीकी, और आर्थिक प्रगति का परिणाम है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बढ़ता प्रभाव और वैश्विक महाशक्तियों के साथ उसके बढ़ते रिश्ते इस उपलब्धि को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रहे हैं।
इस बीच, पाकिस्तान की हालत चिंताजनक बनी हुई है। आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सीमित समर्थन के चलते वह अंतरराष्ट्रीय दौड़ में पीछे छूट गया है। भारत की यह उपलब्धि पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, जो पहले से ही आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
भारत के इस नए दर्जे ने एशिया की शक्ति संतुलन को भी प्रभावित किया है, जहां चीन और अमेरिका के बीच की प्रतिस्पर्धा के बीच भारत ने अपनी जगह मजबूत कर ली है। अब आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत किस तरह इस शक्ति का उपयोग वैश्विक हितों के लिए करता है और विश्व पटल पर अपनी भूमिका को और मजबूती से स्थापित करता है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका 81.7 के स्कोर के साथ इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली देश के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखता है।
- उसके बाद चीन 72.7 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है।
- भारत ने 39.1 का स्कोर हासिल किया, जो 2023 से 2.7 अंक अधिक है. भारत की बढ़त उसे ऑस्ट्रेलिया, रूस, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसी अन्य शक्तियों से आगे रखती है. इसके साथ ही भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है।
- इस बीच, पाकिस्तान 16वें स्थान पर है, जो फिलीपींस और उत्तर कोरिया के बीच है।