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Important progress in India-China border dispute: देपसांग और देमचोक से सैन्य वापसी लगभग पूरी, नए गश्त समझौते पर सहमति

Military withdrawal from Depsang and Demchok almost complete, new patrolling agreement agreed upon

भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे सैन्य गतिरोध में हालिया प्रगति के तहत देपसांग और देमचोक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी लगभग पूरी हो चुकी है। दोनों देशों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि विवादित क्षेत्रों में स्थापित ठिकानों और बुनियादी ढांचों को भी हटाया जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करना है, जब LAC पर तनाव बढ़ा था।

समझौते की पृष्ठभूमि और अहमियत

इस विवाद के चलते भारत-चीन सीमा पर 2020 से अब तक दोनों पक्षों के बीच कई बार तनावपूर्ण स्थितियाँ पैदा हुईं, जिनमें पैंगोंग त्सो झील, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी जैसे क्षेत्र प्रमुख रहे। इन टकराव बिंदुओं पर सैनिकों के बीच मुठभेड़ें और गश्त की खींचतान के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव काफी बढ़ गया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएँ होती रही हैं, जिसमें चरणबद्ध तरीके से सैनिकों की वापसी और स्थिति बहाली पर सहमति बनी है।

हालिया कदम: गश्त समझौता और समन्वित वापसी

भारत और चीन के बीच 21 अक्टूबर को एक नए गश्त समझौते की घोषणा की गई, जो सीमा पर समन्वित गश्त की व्यवस्था स्थापित करेगा। इस समझौते को चीनी विदेश मंत्रालय ने भी समर्थन दिया है, जिसमें सीमा पर ‘प्रासंगिक कार्य’ को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने की बात कही गई है। इसके तहत, दोनों देशों ने एक प्रणाली विकसित की है, जिसमें गश्त को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए गए हैं ताकि आगे कोई नया विवाद न खड़ा हो।

उच्चस्तरीय वार्ताएँ और कूटनीतिक प्रयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक हुई, जिसमें इस नए गश्त समझौते पर भी चर्चा हुई। बैठक में दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर सैन्य गतिरोध के समाधान को महत्वपूर्ण बताया और आपसी विश्वास बहाली के प्रयासों का समर्थन किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस नई गश्त व्यवस्था का स्वागत करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा कदम बताया।

आगे की राह: क्षेत्रीय स्थिरता और समन्वित गश्त

सैनिकों की वापसी के साथ, दोनों देशों के बीच इस विवादित क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए समन्वित गश्त पर ध्यान दिया जा रहा है। गश्त के दौरान संभावित विवादों को रोकने के लिए एक संयुक्त तंत्र की स्थापना की जाएगी, जिससे LAC पर स्थिति नियंत्रण में रहे।

भारत और चीन के बीच यह समझौता 2020 में शुरू हुए सैन्य गतिरोध को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में स्थायित्व और आपसी विश्वास को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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