
क्या इंसानों की जान अब मशीनों के हाथों सुरक्षित रहेगी?
टेक्नोलॉजी जगत के अग्रणी उद्यमी एलन मस्क ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले समय में रोबोट ऐसे जटिल ऑपरेशन कर सकेंगे, जिन्हें आज के सर्वश्रेष्ठ सर्जन भी करने में कठिनाई महसूस करते हैं। मस्क ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास के चलते चिकित्सा विज्ञान में एक क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है।
डॉक्टरों ने उठाए सवाल, कहा- “यह इतना आसान नहीं”
एलन मस्क के इस दावे के तुरंत बाद चिकित्सा समुदाय से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस विचार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सर्जरी केवल तकनीकी कौशल नहीं है, बल्कि इसमें मानवीय समझ, अनुभव और निर्णय लेने की क्षमता भी बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि एक ऑपरेशन के दौरान मरीज की स्थिति पल-पल बदल सकती है, और ऐसी जटिल परिस्थितियों में केवल अनुभवी मानव सर्जन ही सही निर्णय ले सकता है।
एलन मस्क के बयान के पीछे क्या है तर्क?
मस्क ने अपने बयान में तर्क दिया कि रोबोट में उच्च सटीकता और लगातार प्रदर्शन करने की क्षमता होती है। उनका मानना है कि मशीनें थकती नहीं हैं, उनसे मानवीय त्रुटियां नहीं होतीं और वे एक ही स्तर की दक्षता को लंबे समय तक बनाए रख सकती हैं। इसके अलावा, एआई सिस्टम लगातार डेटा से सीखते हैं और तेजी से अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं, जिससे भविष्य में चिकित्सा प्रक्रियाएं अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो सकती हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में रोबोटिक्स का वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान में चिकित्सा जगत में रोबोट की मदद से कई जटिल सर्जरी की जा रही हैं। ‘डाविंची सर्जिकल सिस्टम’ जैसे रोबोटिक प्लेटफॉर्म ने न्यूनतम चीरे वाली सर्जरी को आसान और कम जोखिम वाला बना दिया है। हालांकि, इन रोबोटों का संचालन प्रशिक्षित सर्जनों द्वारा ही किया जाता है। पूर्णतः स्वचालित सर्जरी अभी भी एक सपना है, जिसे साकार होने में काफी समय लग सकता है।
भरोसे की चुनौती
मरीजों और उनके परिवारों के लिए यह फैसला करना बेहद कठिन होगा कि वे अपनी जान एक मशीन के हाथों सौंपें। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक रोबोट अपनी तकनीकी क्षमताओं के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं और जटिल परिस्थितियों को समझने की क्षमता नहीं विकसित कर लेते, तब तक उनका पूरी तरह से भरोसेमंद होना मुश्किल है।
भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में रोबोटों की भूमिका अवश्य बढ़ेगी, लेकिन अभी भी इंसानी सर्जनों की आवश्यकता बनी रहेगी। तकनीक चाहे जितनी भी उन्नत हो जाए, जीवन और मृत्यु के बीच के फैसलों में मानव संवेदनशीलता और अनुभव की बराबरी करना आसान नहीं है। एलन मस्क का सपना एक दिन साकार हो सकता है, लेकिन फिलहाल, डॉक्टरों का अनुभव और निर्णय क्षमता अमूल्य बनी हुई है।