
देहरादून, 14 जून – भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में आज का दिन गौरव, गर्व और प्रेरणा से भरपूर रहा। देहरादून स्थित इस प्रतिष्ठित अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड (POP) में कुल 451 कैडेट्स ने अंतिम मार्च करते हुए सैन्य सेवा के लिए खुद को समर्पित किया। इनमें से 419 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स अब भारतीय सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करेंगे, जबकि 32 कैडेट्स मित्र देशों की सेनाओं में अफसर की भूमिका निभाएंगे।
मुख्य अतिथि बने श्रीलंका के सेना प्रमुख
इस गौरवपूर्ण अवसर पर परेड की समीक्षा श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वीकेएम लसंथा रोड्रिगो ने की। विशेष बात यह रही कि वे स्वयं IMA के 87वें कोर्स से 1990 में पास आउट हो चुके हैं। उनकी उपस्थिति ना केवल भारत-श्रीलंका के मजबूत सैन्य संबंधों को दर्शाती है, बल्कि यह उनके लिए एक भावुक और प्रेरणादायक क्षण भी था, जब उन्होंने उस परेड ग्राउंड पर कदम रखा जहां से उनके सैन्य जीवन की शुरुआत हुई थी।
419 भारतीय अफसर अब सेना में होंगे शामिल
IMA की यह परेड उन युवाओं की मेहनत, अनुशासन और संकल्प की मिसाल है, जिन्होंने अकादमी के कठिन प्रशिक्षण को पूरा कर देश सेवा के लिए खुद को तैयार किया है। 419 भारतीय कैडेट्स अब भारतीय सेना की विभिन्न रेजीमेंट्स में अफसर के तौर पर नियुक्त होंगे। वहीं, 32 विदेशी कैडेट्स नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव जैसे मित्र राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अपने देशों में सैन्य सेवा करेंगे।
सैन्य कूटनीति को मिली मजबूती
लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो की उपस्थिति को सैन्य कूटनीति की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह दिखाता है कि भारतीय सैन्य अकादमी क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सैन्य प्रशिक्षण में एक भरोसेमंद केंद्र बन चुकी है। इससे भारत और अन्य देशों के बीच रक्षा सहयोग और परस्पर विश्वास को और बल मिलता है।
गूंजे कदम, गूंजा गर्व
परेड के दौरान कैडेट्स की एकसमान चाल, अनुशासन और समर्पण ने दर्शकों को गर्व से भर दिया। ‘एंट्री मार्च’ के साथ ही ‘प्रथम पग’ की परंपरा निभाई गई, जो दर्शाता है कि ये युवा अब प्रशिक्षण की सीमा पार कर भारतीय सेना के अधिकारी बन चुके हैं।
देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत आयोजन
इस आयोजन में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, कैडेट्स के परिजन और गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी ने माहौल को और प्रेरणादायक बना दिया। पूरे कार्यक्रम में देशभक्ति, उत्साह और सम्मान की भावना स्पष्ट झलकती रही।
IMA की यह परेड केवल सैन्य आयोजन नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के सैन्य नेतृत्व की शुरुआत है, जो देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।