
उत्तराखंड के नगर निकाय चुनाव के लिए 23 जनवरी को मतदान होगा, और इस दिन प्रदेश के सभी नगर निकायों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिन मतदान में भाग लेने के लिए मतदाताओं को सुविधाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों के साथ की बैठक
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सोमवार को चुनाव ड्यूटी में लगे सभी सामान्य प्रेक्षकों के साथ बैठक की। इस दौरान, उन्होंने प्रेक्षकों को चुनावी कार्यों और उनके दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में आदर्श आचार संहिता, प्रत्याशियों द्वारा व्यय सीमा, मतदान प्रक्रिया और मतगणना की जानकारी भी साझा की गई।
23 जनवरी को सभी राजकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश
उत्तराखंड शासन ने 23 जनवरी को राज्य के सभी नगर निकायों में मौजूद सभी राजकीय कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अर्द्ध-निकाय, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और कोषागार/उपकोषागार में अवकाश की घोषणा की है। राज्यपाल ने निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के तहत यह आदेश जारी किया है, ताकि कर्मचारियों को मतदान में भाग लेने का अवसर मिले।
चुनावी ड्यूटी में प्रेक्षकों की अहम भूमिका
राज्य निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रेक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। आयुक्त सुशील कुमार ने प्रेक्षकों को स्थानीय निकायों की जानकारी दी और चुनावी प्रक्रिया में उनके दायित्वों के बारे में बताया।
सामान्य प्रेक्षकों को दी गई पूरी जानकारी
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने सामान्य प्रेक्षकों को राजनीतिक दलों, उनके चुनाव चिन्हों, जिलों की जानकारी और मतदाताओं की संख्या से संबंधित जानकारी दी। इसके अलावा, प्रेक्षकों को आदर्श आचार संहिता के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया, ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
चुनाव के दिन विशेष प्रबंध
चुनाव के दिन निर्वाचन क्षेत्र में स्थित कोषागार और उपकोषागार भी बंद रहेंगे। मतदान प्रक्रिया की सही ढंग से निगरानी के लिए सभी प्रेक्षकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि चुनाव का आयोजन सुचारु रूप से हो सके।