
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें चार महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी। बैठक के बाद सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
बैठक में राज्य के पर्यटन और तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को लेकर विशेष चर्चा की गई। चारधाम के साथ-साथ अन्य प्रमुख पौराणिक मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिससे सरकार के धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को बल मिला है।
पर्यटन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कार्तिक स्वामी मंदिर में इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक रही है। जागेश्वर धाम में जहां बीते वर्ष करीब 4 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, वहीं इस वर्ष अब तक 6 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी जिले के साल्ड गांव स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी भक्तों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
कैबिनेट की चार अहम स्वीकृतियाँ:
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उप-निबंधक ऑडिट का एक पद सृजन:
सहकारी समितियों के ऑडिट कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए एक नया पद सृजित किया गया है। यह पद आगामी पाँच वर्षों तक भरने के लिए स्वीकृत किया गया है। इससे कोऑपरेटिव सेक्टर में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा। -
बदरीनाथ धाम में ISBT की दीवार पर आर्टवर्क की स्वीकृति:
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बदरीनाथ धाम स्थित अंतरराज्यीय बस अड्डे (ISBT) की दीवारों पर धार्मिक और स्थानीय कला को दर्शाने वाला आर्टवर्क किया जाएगा। -
‘गंगा गाय योजना’ और SC वर्ग की पशुधन योजना का एकीकरण:
पशुपालन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित गाय वितरण योजना (जिसमें 90% सब्सिडी दी जाती थी) और सामान्य वर्ग के लिए डेयरी विभाग की ‘गंगा गाय योजना’ को एकीकृत कर दिया गया है। इससे योजना संचालन अधिक संगठित और समावेशी होगा। -
पशुधन प्रसार अधिकारियों की ट्रेनिंग अवधि घटाकर 1 वर्ष की गई:
पशुपालन विभाग में 429 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रसार अधिकारियों की प्रशिक्षण अवधि को 2 साल से घटाकर 1 साल कर दिया गया है। इससे चयन और नियुक्ति प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा और विभाग की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
तीर्थ और पर्यटन को लेकर सरकार की सक्रियता
कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को व्यवस्थित और श्रद्धालु-केंद्रित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि केवल चारधाम ही नहीं, बल्कि अन्य पौराणिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए सुलभ, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जाए।
इसके तहत आने वाले समय में स्थानीय मंदिरों को जोड़ने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, डिजिटल टिकटिंग, और परिवहन की व्यवस्था को बेहतर करने की योजना बनाई जा रही है।