
औली बना बर्फीले खेलों का केंद्र
- 14वें विश्व हिम दिवस का आयोजन: स्की एंड स्नो बोर्ड एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड और आइस स्केटिंग एसोसिएशन चमोली ने औली की बर्फीली ढलानों पर उत्सव आयोजित किया।
- बच्चों और पर्यटकों की भागीदारी: स्नोमैन बनाने, फन स्कीइंग, टायर ट्यूब राइडिंग, स्नो बोर्डिंग और स्नो ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों का जमकर लुत्फ उठाया गया।
पर्यावरण संरक्षण की अपील
- औली की प्राकृतिक सुंदरता बचाने का आह्वान: स्की एंड स्नो बोर्ड एसोसिएशन के संतोष सिंह ने औली के पर्यावरण और बर्फ को संरक्षित रखने का संकल्प लेने की अपील की।
- पर्यटकों को जागरूकता: आइस स्केटिंग एसोसिएशन ने स्नो स्पोर्ट्स के महत्व और बर्फ के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने पर जोर दिया।
पद्मश्री मोहन सिंह गुंज्याल ने बांटे अनुभव
- 75 वर्षीय एवरेस्टर का संदेश: मोहन सिंह गुंज्याल ने स्नो स्कीइंग का आनंद लेते हुए खिलाड़ियों और पर्यटकों को पर्यावरण संरक्षण और बर्फ बचाने की प्रेरणा दी।
2011 से शुरू हुई विश्व हिम दिवस की परंपरा
- पहली मेजबानी का गौरव: औली को अंतरराष्ट्रीय स्की महासंघ (FIS) ने 2011 में पहले विश्व हिम दिवस की मेजबानी सौंपी थी।
- बर्फीले खेलों को बढ़ावा: इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों और उनके परिवारों को स्नो स्पोर्ट्स में शामिल करना और बर्फ के प्रति जागरूकता फैलाना है।
उत्तराखंड स्की टीम का प्रदर्शन
- अल्पाइन स्कीइंग के रोमांचक करतब: औली की ढलानों पर प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों ने अद्भुत स्कीइंग प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित किया।
निष्कर्ष: औली में विश्व हिम दिवस ने न केवल पर्यटकों और खिलाड़ियों को आनंद दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और बर्फ के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इस आयोजन ने औली को एक वैश्विक शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में फिर से स्थापित किया।