
सीमा पार सामान की तस्करी, सिम कार्ड सप्लाई और एजेंट भर्ती में था लिप्त
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से एक चौंकाने वाला जासूसी का मामला सामने आया है, जिसमें एक स्थानीय व्यापारी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान शहजाद वहाब के रूप में हुई है, जो लंबे समय से कारोबार की आड़ में देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त था।
गंभीर आरोप: ISI से जुड़े थे संबंध
जांच एजेंसियों के मुताबिक, शहजाद वहाब पर आरोप है कि वह पाकिस्तान के ISI एजेंटों के साथ सीधे संपर्क में था। वह न सिर्फ संवेदनशील जानकारियां साझा करता था, बल्कि सीमा पार तस्करी, भारतीय सिम कार्ड की आपूर्ति और नए एजेंटों की भर्ती जैसे कार्य भी कर रहा था। बताया जा रहा है कि वह व्यापार के नाम पर इन गतिविधियों को अंजाम देता था ताकि संदेह से बचा रह सके।
साइबर निगरानी और सोशल मीडिया पर थी पकड़
अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया है कि शहजाद सोशल मीडिया के जरिए युवाओं से संपर्क करता था और उन्हें कथित रूप से व्यापार या रोजगार के बहाने ISI के लिए तैयार करता था। उसके पास से कई ऐसे दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों के आदान-प्रदान के प्रमाण मिले हैं।
जांच एजेंसियों की सतर्कता से हुआ पर्दाफाश
इस गिरफ्तारी को हाल ही में हरियाणा के एक यूट्यूबर की गिरफ्तारी के बाद देश में सामने आए दूसरे बड़े जासूसी मामले के रूप में देखा जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और साइबर निगरानी के चलते यह नेटवर्क उजागर हो सका है। शहजाद वहाब को कड़ी पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है और उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
यह मामला न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया और व्यापार जैसे सामान्य दिखने वाले माध्यमों का उपयोग दुश्मन देश की खुफिया एजेंसियां कर रही हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पर कड़ी नजर रखने और ऐसे नेटवर्क्स को जड़ से खत्म करने का संकल्प दोहराया है।