
देहरादून: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ अन्य राज्य भी इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए व्यापक व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इस महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस विशाल आयोजन में जल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड के टिहरी बांध से प्रयागराज के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा।
20 जनवरी से छोड़ा जाएगा पानी
टिहरी बांध प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की मांग पर 20 जनवरी से गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ने की योजना बनाई है। मौजूदा समय में टिहरी बांध से रोजाना 200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सर्दियों के मौसम में बर्फबारी और अन्य नदियों में जल जमने के कारण गंगा के जल स्तर में कमी देखी जा रही है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए टिहरी से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की तैयारी है।
टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के निदेशक डॉ. एलपी जोशी ने बताया कि जल प्रवाह की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बांध से पानी छोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और टिहरी बांध प्रशासन के बीच इस संबंध में समन्वय स्थापित हो चुका है।
अन्य व्यवस्थाओं पर जोर
महाकुंभ के लिए जल आपूर्ति के अलावा, उत्तराखंड सरकार भी विशेष व्यवस्थाएं कर रही है। श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में अस्थायी आवासीय स्थलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही, उत्तराखंड की कई कंपनियां महाकुंभ में सक्रिय रूप से भागीदारी करेंगी।
प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन
प्रयागराज में गंगा के जल स्तर को बनाए रखने के लिए उत्तराखंड का टिहरी बांध 52 वर्ग किलोमीटर की झील में जल संग्रहण कर रहा है। सर्दियों में नदियों में जल की कमी को देखते हुए इस निर्णय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जल का यह प्रवाह न केवल श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पर्याप्त होगा, बल्कि महाकुंभ के दौरान गंगा की स्वच्छता को भी बनाए रखने में मदद करेगा।
श्रद्धालुओं की सहूलियत प्राथमिकता
उत्तराखंड सरकार और टिहरी बांध प्रशासन की इन तैयारियों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक सुखद, व्यवस्थित और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है। महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक और सफल आयोजन बनाने के लिए राज्य सरकारें और संबंधित विभाग आपसी समन्वय से काम कर रहे हैं।