
नई दिल्ली: दिल्ली की हवा इन दिनों सांस लेने लायक नहीं रही है, और इसका सीधा असर राजधानी के अस्पतालों में देखा जा रहा है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 400 के आसपास बना हुआ है, जो कि ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में आता है। इस गंभीर स्थिति के कारण सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हो गई है। एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान के अनुसार, अस्पताल की ओपीडी (आउटडोर पैटियंट डिपार्टमेंट) में सांस की तकलीफ से पीड़ित मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
वायु प्रदूषण से बढ़ी सांस की समस्याएं
डॉ. मदान ने बताया, “वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा और सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) जैसे मरीजों के लक्षण बिगड़ रहे हैं। अस्थमा के कई मरीज अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में पहुंच चुके हैं। ओपीडी में हमें बहुत से मरीज आए हैं जिन्होंने बताया कि उनका अस्थमा पहले से भी ज्यादा बिगड़ गया है।”
साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि वायु प्रदूषण के कारण यह एक कठिन समय है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पहले से ही सांस संबंधी रोग हैं।
व्यायाम को लेकर दी गई सलाह
डॉ. मदान ने मरीजों को व्यायाम करने के लिए कुछ खास सलाह दी है। उन्होंने कहा, “अगर आपको सांस की समस्याएं हैं, तो बाहर की गतिविधियों से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि आप घर के अंदर ही व्यायाम करें, ताकि प्रदूषित हवा से कम संपर्क हो। अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से अपने इनहेलर का उपयोग करना चाहिए, ताकि उनके लक्षण नियंत्रण में रहें।”
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की स्थिति
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) फिलहाल ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में है, जो 301-400 के बीच आता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे प्रदूषण स्तर पर सांस लेना बेहद मुश्किल हो सकता है। हवा में मौजूद बारीक कण (PM 10 और PM 2.5), ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रिक डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्व सांस के लिए खतरनाक हो सकते हैं। जब AQI 400 के पार होता है, तो यह ‘गंभीर’ स्थिति का संकेत देता है और लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जाती है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य के प्रति और सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर उन लोगों को जिनकी पहले से ही सांस संबंधी समस्याएं हैं।