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भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे के निपटान को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, पीथमपुर में 28 फरवरी से शुरू होगा ट्रायल

Supreme Court approves disposal of toxic waste of Bhopal gas tragedy, trial will start from February 28 in Pithampur

भोपाल: यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को इंदौर के पास पीथमपुर में जलाने की सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कचरे के निष्पादन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच, जिसमें जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह शामिल थे, ने मामले की सुनवाई की।

  • अधिवक्ता देवदत्त कामत ने बताया कि हाईकोर्ट ने 15 तकनीकी विशेषज्ञों की टास्क फोर्स समिति बनाई है, जिसने कचरे के निपटान की पूरी प्रक्रिया पर विचार किया है।
  • 2013 और 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दो परीक्षण किए गए थे, जो सफल रहे
  • भोपाल गैस कांड पीड़ितों के हितों के लिए काम करने वाले संगठनों ने तर्क दिया कि प्रस्तावित प्लांट में जहरीली गैसों के प्रभावों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है।
  • इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि वे अपनी आपत्तियां और वैकल्पिक समाधान मध्यप्रदेश हाईकोर्ट और सरकार के सामने रखें

पीथमपुर में 28 फरवरी से होगा कचरा जलाने का ट्रायल

हाईकोर्ट के आदेश के तहत 27 फरवरी को प्लांट पर ट्रायल की तैयारी पूरी कर ली गई

  • 28 फरवरी को पहला ट्रायल होगा, जिसमें 10 टन जहरीले कचरे का निपटान किया जाएगा
  • दूसरा ट्रायल 4 मार्च और तीसरा ट्रायल 12 मार्च को होगा।
  • यह प्रक्रिया रामकी ग्रुप की पीथमपुर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के प्लांट में की जाएगी।

कड़ी सुरक्षा के बीच होगा कचरे का निष्पादन

इंदौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि

  • पहले 12 कंटेनरों से कचरा निकाला जाएगा
  • इसके बाद कचरे को मिक्स कर जलाने की प्रक्रिया शुरू होगी
  • इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए आईजी अनुराग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी प्लांट में मौजूद रहेंगे

स्थानीय लोगों में विरोध, सुरक्षा कड़ी की गई

भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे को जलाने का स्थानीय स्तर पर विरोध भी हुआ है।

  • कुछ दिन पहले विरोध प्रदर्शन हुआ था और चार दिन तक आंदोलन चला
  • दो लोगों ने आत्मदाह की कोशिश भी की थी
  • स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरा जलाने से हवा जहरीली हो सकती है और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
  • लोगों के विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले इस फैसले को टाल दिया था

अब, सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद प्रशासन और पुलिस बल की तैनाती के साथ कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू होगी

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