
नई दिल्ली, 31 जनवरी: भारत सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में देश की आर्थिक मजबूती और सतत विकास के लिए विनियमन में छूट, तकनीकी नवाचार और ऊर्जा सुरक्षा को प्रमुख आधार बनाया है। बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और व्यापारिक चुनौतियों के बीच, सरकार ने घरेलू उद्योगों को सशक्त करने के लिए नीति सुधार और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी है।
विनियमन में छूट से व्यापार और निवेश को बढ़ावा
सरकार का मानना है कि अनावश्यक नियमों में कटौती करके व्यापार सुगमता को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित होंगे। आर्थिक सर्वेक्षण में स्पष्ट किया गया है कि सरल और पारदर्शी नियमों से उद्योगों को तेजी से बढ़ने का अवसर मिलेगा, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
सरकार व्यवसायों को अनावश्यक जटिलताओं से मुक्त करने और नीतियों को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि उद्यमियों और निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक बाजार बनाया जा सके।
स्थानीय विनिर्माण और औद्योगिक आत्मनिर्भरता
चीन की आर्थिक मंदी और वैश्विक व्यापार अस्थिरता के कारण भारत के पास स्थानीय उत्पादन को सशक्त करने का सुनहरा अवसर है। सरकार का लक्ष्य सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) और रक्षा उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनना है।
भारत का ईवी क्षेत्र अभी भी विदेशी आयात, विशेष रूप से चीन से आने वाले कल-पुर्जों पर निर्भर है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार अब निजी ईवी उपयोग को बढ़ावा देने की बजाय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, जिससे आयात निर्भरता कम होगी और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कौशल विकास पर जोर
भारत सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), अनुसंधान और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश कर रही है ताकि तकनीकी नवाचार को गति दी जा सके। हालांकि, आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी चेतावनी दी गई है कि एआई का अत्यधिक उपयोग रोजगार के अवसरों को प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, सरकार नए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है, जिससे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके। ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में कुशल कार्यबल तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन
ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सरकार आयातित जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को अपनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
भारत महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीतियों पर भी काम कर रहा है, जिससे ऊर्जा परिवर्तन और औद्योगिक विकास को संतुलित रखा जा सके।
महिला श्रम शक्ति और कृषि सुधार
सरकार महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए नीतिगत सुधारों पर काम कर रही है, जिससे महिला सशक्तिकरण और रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकें।
कृषि क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीकों, सिंचाई सुविधाओं और अनुसंधान को बढ़ावा देने की जरूरत को उजागर किया गया है। सरकार कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय सुधारने के लिए नई योजनाएं लागू करने पर विचार कर रही है।
भारत का आर्थिक भविष्य: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
सरकार की यह नीति देश को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरल विनियमन, तकनीकी विकास और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देकर, भारत सतत और दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है।