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ISRO अध्यक्ष वी नारायणन का बड़ा ऐलान: गगनयान मिशन में होगी रामकृष्णन प्रयोगशाला की अहम भूमिका

ISRO Chairman V Narayanan's big announcement: Ramakrishnan Laboratory will play an important role in Gaganyaan mission

रामकृष्णन प्रयोगशाला ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम में निभाएगी अहम भूमिका

चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन ने हाल ही में उद्घाटन की गई रामकृष्णन प्रयोगशाला को भारत के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला भारत के अंतरिक्ष अभियानों में नई ऊंचाइयां तय करने में मदद करेगी।

सुनीता विलियम्स की वापसी पर जताया विश्वास, व्योमित्रा रोबोट इस साल होगा लॉन्च

नारायणन ने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष से सफलतापूर्वक लौटने पर विश्वास जताया। साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि इस साल के अंत तक व्योमित्रा रोबोट को लॉन्च किया जाएगा, जो गगनयान मिशन का हिस्सा होगा।

IIT मद्रास में हुआ रामकृष्णन प्रयोगशाला का उद्घाटन

आईआईटी मद्रास में लिक्विड और थर्मल साइंसेस लैबोरटरी के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, नारायणन ने कहा कि यह प्रयोगशाला स्पेस एंड प्रोपल्शन से संबंधित शोध को बढ़ावा देगी। इस लैब का नाम आईआईटी मद्रास के पूर्व प्रोफेसर रामकृष्णन के नाम पर रखा गया है। इस मौके पर आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी कामकोटी भी मौजूद थे।

इसके अलावा, इसरो अध्यक्ष ने प्रोफेसर आर्कोट राधाकृष्णन को समर्पित एक सेमिनार हॉल का भी उद्घाटन किया।

अपने मेंटर को श्रद्धांजलि

नारायणन ने इस कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर रामकृष्णन के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने बताया कि जब वे क्रायोजेनिक इंजिनों पर अध्ययन कर रहे थे, तब प्रोफेसर रामकृष्णन ने उन्हें इस टेक्नोलॉजी की बारीकियां समझाने में मदद की।

“उन्होंने मुझे क्रायोजेनिक टेक्नोलॉजी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और एक बेहतरीन मेंटर के रूप में हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया,” नारायणन ने भावुक होते हुए कहा।

नोबेल पुरस्कार के लिए प्रयास की अपील

इसरो अध्यक्ष ने आईआईटी मद्रास को भारत के अग्रणी शैक्षिक संस्थानों में से एक बताते हुए, उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया कि वे नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रयास करें। उन्होंने अफसोस जताया कि प्रोफेसर रामकृष्णन को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला और कहा कि इसरो इस दिशा में पूरा समर्थन देने के लिए तैयार है।

उन्होंने आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी कामकोटी से इस संस्थान को नोबेल पुरस्कार जीतने के लक्ष्य पर काम करने के लिए कहा।

भारत-अमेरिका के साझा अंतरिक्ष मिशन पर खुशी जाहिर की

नारायणन ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ISRO और NASA के संयुक्त उपग्रह विकास (Joint Satellite Development) की घोषणा को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने इसे भारत के लिए गौरवशाली क्षण करार दिया।

गगनयान मिशन पर इसरो का फोकस, व्योमित्रा करेगी अहम टेस्टिंग

नारायणन ने पुष्टि की कि गगनयान मिशन के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम योजना के अनुसार ही आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल हम गगनयान परियोजना में सुरक्षा परीक्षण के लिए एक रोबोट भेजने वाले हैं, जिसका नाम व्योमित्रा होगा।

क्या है व्योमित्रा?

व्योमित्रा इसरो द्वारा विकसित एक मानव-आकार की महिला रोबोट है, जिसे अंतरिक्ष यान की सुरक्षा परीक्षण और मानव गतिविधियों को सिमुलेट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

यह रोबोट अंतरिक्ष मिशन में संभावित चुनौतियों को समझने और उनका समाधान निकालने में मदद करेगी। इस परीक्षण के सफल होने के बाद ही असली एस्ट्रोनॉट्स गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।

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