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उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल, देर रात 57 अधिकारियों के ट्रांसफर, सरकार ने दिए नई कार्यशैली के संकेत

Administrative reshuffle in Uttarakhand, 57 officers transferred late night, government gave indications of new working style

देहरादून, 20 जून 2025: उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव करते हुए देर रात 57 अधिकारियों के तबादले कर दिए। इनमें 33 आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और 24 पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) अधिकारी शामिल हैं। ये सभी तबादले दो अलग-अलग सरकारी आदेशों के तहत किए गए हैं और इन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में हलचल देखी जा रही है।

मुख्य सचिव आनंद बर्धन से हटाई गई जिम्मेदारी

1992 बैच के वरिष्ठ आईएएस और मुख्य सचिव आनंद बर्धन से जलागम विभाग की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। उनकी जगह यह जिम्मेदारी अब 2003 बैच के आईएएस अधिकारी दिलीप जावलकर को सौंपी गई है। दिलीप जावलकर अभी तक वित्त, निर्वाचन और सहकारिता विभाग के सचिव पद पर कार्यरत थे। अब उन्हें सहकारिता विभाग से मुक्त कर दिया गया है, ताकि वे जलागम विभाग की नई भूमिका को प्रभावी ढंग से निभा सकें।

पराग मधुकर को मिला नया दायित्व

भारतीय वन सेवा के अधिकारी पराग मधुकर धकाते, जो जलागम विभाग के प्रमुख पद पर थे, को वहां से हटाकर अब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। इस बदलाव से संकेत मिलता है कि राज्य सरकार जलागम विभाग को लेकर नए दृष्टिकोण और योजनाओं के साथ आगे बढ़ रही है।

जिलास्तर पर भी हुए बड़े बदलाव

जिलास्तर पर भी कई महत्वपूर्ण अधिकारियों का तबादला किया गया है। पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी आशीष कुमार चौहान का तबादला कर उन्हें उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी का निदेशक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही उन्हें खेल और युवा कल्याण विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है।

उनकी जगह 2012 बैच की आईएएस अधिकारी स्वाती एस भदौरिया को पौड़ी गढ़वाल का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। स्वाती अब तक राज्यपाल की अपर सचिव थीं और तकनीकी शिक्षा, भाषा एवं सिंचाई विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।

रीना जोशी बनीं राज्यपाल की अपर सचिव

स्वाती के स्थान पर 2013 बैच की अधिकारी रीना जोशी को राज्यपाल की अपर सचिव नियुक्त किया गया है। यह फेरबदल दर्शाता है कि राज्य सरकार प्रशासनिक कार्यों में नई ऊर्जा, पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।

इन बदलावों से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि आने वाले महीनों में प्रदेश की योजनाओं और विकास कार्यों में गति लाई जाएगी, और नई जिम्मेदारियों के साथ अधिकारी बेहतर समन्वय स्थापित कर सकेंगे।

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