
हल्द्वानी: भारतीय सेना के साहसिक अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उत्तराखंड कांग्रेस 1 जून को ‘जय हिंद रैली’ का आयोजन करने जा रही है। यह रैली हल्द्वानी से शुरू होगी और पूरे प्रदेश में देशभक्ति और जागरूकता का संदेश फैलाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता रैली की तैयारी को लेकर हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस रैली के माध्यम से कांग्रेस देश की सेना के प्रति कृतज्ञता प्रकट करेगी और केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाएगी।
सेना को सलाम, लेकिन नीति पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सेना के बलिदान और वीरता का सम्मान करती है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अचानक सीजफायर के फैसले ने कई संदेह पैदा कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह रैली केवल राजनीतिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि सेना के समर्थन और देश की जनता की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम है।
“प्रधानमंत्री ने जनता से किया विश्वासघात”: करन माहरा
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका के दबाव में सीजफायर का आदेश देकर भारतीय सेना को खतरे में डाला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सैन्य अभियान का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की, जो निंदनीय है। माहरा ने यह भी मांग की कि जो लोग सेना को खतरे में डालने के जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व सैनिकों की भागीदारी भी तय
रैली में प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक भी भाग लेंगे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यह रैली सैनिकों के सम्मान में है और इसका उद्देश्य राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना को मजबूत करना है।
कांग्रेस की ‘जय हिंद रैली’ ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ केंद्र सरकार की सैन्य नीति पर प्रश्नचिह्न लगाने की कोशिश है। हल्द्वानी से शुरू हो रही यह रैली जनता, पूर्व सैनिकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एकजुटता का प्रतीक बनेगी।