बुरहानपुर, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल इन दिनों कंबल चोरी की समस्या से जूझ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए ऐसा अनोखा कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ मरीजों को परेशानी में डाल दिया है बल्कि सवालों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है।
कंबल चोरी से निजात पाने का अजीब समाधान
अस्पताल प्रबंधन ने ठंड के मौसम में मरीजों को राहत देने के लिए कंबल तो उपलब्ध कराए, लेकिन कंबलों की चोरी रोकने के लिए उन्हें सीधे बेड से सिलवा दिया। इस कदम का उद्देश्य यह था कि कंबल चोरी न हो सके, लेकिन यह समाधान मरीजों के लिए नया संकट बन गया है।
मरीजों की बढ़ती मुश्किलें
ठंड से कांपते मरीजों का कहना है कि कंबलों को बेड से सिल दिए जाने के कारण वे पूरी तरह से कंबल ओढ़ नहीं पा रहे। कंबलों को बेड से जोड़ने की वजह से इनकी साइज भी घट गई है, जिससे ठंड से राहत मिलना मुश्किल हो गया है। मरीजों का कहना है कि जब कंबल सिर तक नहीं ढक पा रहा है, तो उनका ठंड से बचाव कैसे होगा?
“हम ठंड में ठिठुर रहे हैं। कंबल छोटा हो गया है और हम उसे अपने शरीर पर ठीक से ओढ़ भी नहीं पा रहे हैं,” – एक मरीज ने शिकायत की।
ठंड का सितम और प्रशासन का असंवेदनशील रवैया
बुरहानपुर जिले में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए कंबल ही एकमात्र सहारा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन का यह नायाब उपाय मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। खासतौर पर रात के समय जब ठंड का प्रकोप चरम पर होता है, मरीजों को बिस्तर से सिलाए गए कंबल के कारण राहत नहीं मिल पाती।
प्रशासन की सफाई और जांच के आदेश
मामला सामने आने के बाद जिला अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजेश सिसोदिया ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा,
“यह कंबल मरीजों के लिए ही हैं। अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम के बावजूद इस तरह का कदम क्यों उठाया गया है, इसकी जांच की जाएगी। सिविल सर्जन से चर्चा कर इसका समाधान निकाला जाएगा।”
विकल्प और सुरक्षा पर सवाल
सवाल यह उठता है कि क्या कंबल चोरी की समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा गार्डों और अस्पताल स्टाफ की निगरानी पर्याप्त नहीं है? यदि अस्पताल प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा नहीं कर पा रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है?
अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ बढ़ते सवाल
मरीजों और उनके परिजनों ने इस कदम की निंदा की है और इसे असंवेदनशील रवैया करार दिया है। उनका कहना है कि कंबल चोरी रोकने के अन्य उपाय किए जा सकते थे, जैसे कि कंबलों की निगरानी या गिनती, लेकिन मरीजों की सुविधा की अनदेखी करना उचित नहीं है।
“कड़ाके की ठंड में बेहाल मरीज: बुरहानपुर अस्पताल का ‘कंबल चोरी रोकने का उपाय’ सवालों के घेरे में”
बुरहानपुर जिला अस्पताल की यह कार्रवाई ठंड में मरीजों की सेहत को लेकर प्रशासन की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े कर रही है। जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आखिर इस विवादित फैसले के लिए कौन जिम्मेदार है।