
रुद्रप्रयाग: वर्षों से अधर में लटके सिरोहबगड़-खांकरा-नौगांव बाईपास निर्माण कार्य को लेकर एक बार फिर उम्मीद की किरण जगी है। खासतौर पर पपड़ासू में निर्माणाधीन धनुषाकार पुल का कार्य, जो पिछले एक साल से रुका हुआ था, अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इस पुल पर लंबे समय तक काम बंद रहने के कारण ढांचे पर जंग लगना शुरू हो गया था, लेकिन अब एनएच विभाग ने विशेषज्ञों से राय लेने के बाद निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। अधिकारियों के अनुसार, पुल की लोडिंग टेस्टिंग के बाद अक्टूबर तक इसे चालू कर दिया जाएगा।
छह सालों से अधर में लटका है बाईपास निर्माण कार्य
ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सिरोहबगड़-खांकरा-नौगांव बाईपास का निर्माण कार्य पिछले छह वर्षों से रुका हुआ है। यह बाईपास खासतौर पर ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित सिरोहबगड़ क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा है। इस बाईपास के तहत तीन पुलों का निर्माण प्रस्तावित था, जिनमें से दो अलकनंदा नदी और एक चित्रमति नदी पर बनाया जाना था। हालांकि, लंबे समय से काम की धीमी गति और तकनीकी दिक्कतों के चलते यह प्रोजेक्ट अटका हुआ था।
पपड़ासू में पुल निर्माण को मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगा काम
बाईपास निर्माण के सबसे अहम हिस्से पपड़ासू पुल का कार्य 90% तक पूरा हो चुका था, लेकिन इसमें झुकाव आने के कारण IIT दिल्ली और IIT मुंबई की विशेषज्ञ टीमों से इसकी सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में पुल को क्लियरेंस मिल चुका है, और अब एनएच विभाग ने औपचारिकताएं पूरी कर फिर से निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक इस पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
दो और पुलों का निर्माण भी जल्द होगा शुरू
एनएच विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पपड़ासू पुल का काम पूरा होते ही बाईपास के बाकी दो पुलों का निर्माण कार्य भी तेज कर दिया जाएगा। इसके पूरा होते ही इस मार्ग से भूस्खलन प्रभावित सिरोहबगड़ क्षेत्र के यात्रियों को स्थायी समाधान मिल जाएगा। यह बाईपास खासतौर पर चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों की सुगम आवाजाही के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
केंद्र सरकार भी रख रही है निगरानी
रुद्रप्रयाग लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडे ने बताया कि बाईपास निर्माण को लेकर केंद्र सरकार भी लगातार निगरानी रख रही है। ठेकेदार ने पुल की डिजाइन रिपोर्ट सबमिट कर दी है, और एक्सपर्ट्स की राय लेने के बाद निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है।
अक्टूबर तक पूरा होगा पुल, जल्द मिलेगा भूस्खलन से राहत
अधिकारियों के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक पपड़ासू पुल पर यातायात शुरू हो जाएगा। इसके बाद अन्य दो पुलों के निर्माण को भी तेजी से पूरा करने की योजना है। यह बाईपास तैयार होने के बाद न केवल सिरोहबगड़ क्षेत्र के भूस्खलन की समस्या का स्थायी समाधान मिलेगा, बल्कि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा भी अधिक सुगम और सुरक्षित हो जाएगी।