
देहरादून, 18 जून 2025 — उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश से जुड़े चार अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने प्रेस वार्ता कर फैसलों की जानकारी साझा की।
बैठक का प्रमुख फोकस राज्य के धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, सहकारिता समितियों की ऑडिट प्रक्रिया, गंगा गाय योजना के सरलीकरण और पशुधन अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रहा।
मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा
पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष उत्तराखंड के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या में चार गुना तक की वृद्धि देखी गई है। कार्तिक स्वामी मंदिर, जागेश्वर धाम, और उत्तरकाशी के जगन्नाथ मंदिर जैसे स्थलों पर दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सरकार इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का संकेत मान रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के धार्मिक स्थलों की बेहतर व्यवस्था से न केवल पर्यटकों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
कैबिनेट द्वारा पारित चार प्रमुख प्रस्ताव
- उप निबंधक (ऑडिट) पद का सृजन
सहकारी समितियों के वित्तीय संचालन की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने उप निबंधक (ऑडिट) का एक नया पद सृजित किया है। यह पद पांच वर्षों के लिए मंजूर किया गया है। - बदरीनाथ धाम में आर्टवर्क की स्वीकृति
तीर्थयात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए बदरीनाथ आईएसबीटी की दीवारों पर धार्मिक चित्रकारी और आर्टवर्क करने की अनुमति दी गई है। इससे तीर्थनगरी का सौंदर्य और धार्मिक महत्व और भी उजागर होगा। - गंगा गाय योजना का एकीकरण
अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के लिए अलग-अलग चल रही गाय वितरण योजनाओं को मिलाकर एक एकीकृत योजना बनाई जाएगी, जिससे लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा। - पशुधन प्रसार अधिकारियों की ट्रेनिंग में कटौती
429 रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए चयनित अधिकारियों की प्रशिक्षण अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया तेज होगी और विभागीय कार्य क्षमता बढ़ेगी।
प्रदेश के विकास की दिशा में एक और कदम
मुख्यमंत्री धामी ने इन फैसलों को प्रदेश के धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत और प्रशासनिक दक्षता को मजबूती देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को आध्यात्मिक और प्रशासनिक दृष्टि से देश में अग्रणी बनाना है।
इन फैसलों से न केवल तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक गति मिलेगी।