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Income Tax Rules: 1 अक्टूबर से लागू होंगे आयकर से जुड़े नए नियम: जानिए क्या होंगे बदलाव

New rules related to income tax will be implemented from October 1: Know what will be the changes

नई दिल्ली: इस साल 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 में सरकार ने कई महत्वपूर्ण नियमों की घोषणा की थी, जिनमें से अधिकांश आयकर से जुड़े हैं। ये नियम आगामी 1 अक्टूबर से लागू हो रहे हैं। अगर आपको इन नियमों के बारे में जानकारी नहीं है, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

1. F&O ट्रेड पर बढ़ा हुआ STT लागू होगा

 

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग पर अब सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में बढ़ोतरी की जा रही है। इसका उद्देश्य F&O ट्रेडिंग में खुदरा निवेशकों की अधिक भागीदारी को नियंत्रित करना है। 1 अक्टूबर से ऑप्शंस पर प्रीमियम पर STT बढ़कर 0.1% हो जाएगा, जबकि फ्यूचर्स पर यह ट्रेड प्राइस का 0.02% हो जाएगा। STT वो टैक्स है जो सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री पर लगता है, जिसमें शेयर, फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसी निवेश श्रेणियाँ शामिल होती हैं।

2. सरकारी बॉन्ड के ब्याज पर 10% टीडीएस लागू होगा

 

सरकारी बॉन्ड से प्राप्त ब्याज पर अब 10% टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) लागू होगा, जिसमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी शामिल हैं। इससे पहले सरकारी बॉन्ड्स टीडीएस के दायरे से बाहर थे, लेकिन 1 अक्टूबर से इन पर टीडीएस कटौती की जाएगी।

3. शेयर बायबैक पर नए टैक्स नियम

 

1 अक्टूबर से शेयर बायबैक पर नए टैक्स नियम लागू होंगे। अब निवेशकों को बायबैक में हिस्सा लेने पर कैपिटल गेन पर टैक्स देना होगा। इससे पहले बायबैक के तहत शेयरों की बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब निवेशकों को बायबैक से हुई आय पर टैक्स देना होगा।

4. डायरेक्ट विवाद से विश्वास योजना 2024

 

डायरेक्ट विवाद से विश्वास योजना 2024 भी 1 अक्टूबर से शुरू होगी। इस योजना का उद्देश्य लंबित कर मामलों को आसानी से निपटाना है। इसके तहत टैक्सपेयर्स को कम ब्याज और कम जुर्माने के साथ विवादित कर मामलों को सुलझाने का मौका मिलेगा। इस योजना का लाभ वे टैक्सपेयर्स उठा सकते हैं जिनके मामले 22 जुलाई 2024 तक अपील प्राधिकरणों, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं।

5. आधार के लिए नए नियम

 

1 अक्टूबर से स्थायी खाता संख्या (पैन) के लिए आवेदन करने या आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नामांकन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यह कदम पैन के दुरुपयोग के मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ये नए नियम न केवल निवेशकों बल्कि आम टैक्सपेयर्स के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, और इन्हें समझना आवश्यक है ताकि समय रहते वित्तीय योजनाओं में आवश्यक बदलाव किए जा सकें।

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