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उत्तराखंड की पंचायतों में 33078 पद खाली, एक माह में होंगे उपचुनाव

उत्तराखंड: पंचायतों में 33078 पद खाली, माहभर के अंदर होंगे उपचुनाव

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया दो चरणों में भले ही पूरी हो गई हो, लेकिन पंचायत गठन की राह अभी भी अधूरी है। प्रदेश के 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में संपन्न सामान्य निर्वाचन के बावजूद 33078 पद खाली रह गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब इन पदों पर माहभर के भीतर उपचुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा दिक्कत

रिक्त पदों में क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2, ग्राम प्रधान के 20 और ग्राम पंचायत सदस्यों के 33056 पद शामिल हैं। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत सदस्यों के अभाव में कई पंचायतों का गठन नहीं हो पा रहा है। पंचायत गठन के लिए न्यूनतम सात सदस्यों में से कम से कम चार का निर्वाचित होना अनिवार्य है।

चुनाव तो हुआ, लेकिन नामांकन नहीं

24 व 28 जुलाई को दो चरणों में हुए पंचायत चुनाव में 12 जिलों के 89 विकासखंडों में वोट डाले गए। इस दौरान ग्राम पंचायत सदस्य के 55587, ग्राम प्रधान के 7499, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2974 और जिला पंचायत सदस्य के 358 पदों के लिए चुनाव हुआ।

हालांकि, इनमें से ग्राम पंचायत सदस्य के 20820 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ और केवल 1711 पदों पर ही मतदान हो सका। शेष हजारों पदों पर नामांकन ही नहीं हुआ, जिससे वे रिक्त रह गए।

उपचुनाव की योजना पर तेजी

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि सभी जिलों से रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया है। आयोग का उद्देश्य है कि ग्राम पंचायत, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के सभी खाली पदों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराए जाएं ताकि पंचायतों का गठन बाधित न हो।


निष्कर्ष:
33078 रिक्त पदों के चलते पंचायत व्यवस्था पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पा रही है। उपचुनाव से पंचायतों को नई गति मिलने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग इस प्रक्रिया को कितनी तेजी से पूरा कर पाता है।

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