
बड़वानी: इस साल नर्मदा नदी के बैकवॉटर में अब तक कोई कमी नहीं आई है, जिससे फरवरी के महीने में भी राजघाट पूरी तरह जलमग्न है। आमतौर पर इस समय तक जलस्तर में गिरावट देखने को मिलती है, लेकिन गुजरात के सरदार सरोवर बांध से पानी का कम डिस्चार्ज होने के कारण पानी अब तक जमा हुआ है।
श्रद्धालु मजबूर, पुलिया पर ही कर रहे स्नान और पूजा
राजघाट रोड की दूसरी पुलिया तक जलस्तर बना हुआ है, जिससे श्रद्धालु वहीं पर स्नान और पूजा कर रहे हैं। 9 अगस्त 2024 को राजघाट नर्मदा जल में डूब गया था और जलस्तर बढ़ने के कारण बैकवॉटर पुराने फिल्टर प्लांट तक पहुंच गया था। हालांकि, जनवरी 2025 से धीरे-धीरे जलस्तर घटने लगा, लेकिन अब तक पूरी तरह से कम नहीं हुआ है।
प्राचीन मंदिर अब भी जलमग्न
नर्मदा जलस्तर अधिक बने रहने के कारण राजघाट का प्राचीन दत्त मंदिर और अन्य मंदिर जलमग्न हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, जब तक जलस्तर पूरी तरह से नहीं घटता, तब तक इन स्थलों की सफाई संभव नहीं होगी। एनवीडीए अधिकारी एस. एस. चोंगड़ का कहना है कि सरदार सरोवर डैम से पानी डिस्चार्ज की पूरी प्रक्रिया गुजरात प्रशासन के अधीन है, और वे इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं करते।
महाशिवरात्रि पर रोहिणी तीर्थ में विशेष आयोजन
आगामी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि महापर्व पर रोहिणी तीर्थ पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा स्नान और पूजन के लिए पहुंचेंगे। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था और आवश्यक सुविधाओं को लेकर प्रशासन से उचित इंतजाम करने की मांग उठी है।
समिति ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
मां नर्मदा सेवा ट्रस्ट, मां नर्मदा घाट निर्माण समिति और अन्य धार्मिक संगठनों ने श्रद्धालुओं को स्नान और पूजा में हो रही परेशानियों को लेकर एक बैठक आयोजित की। इसमें प्रशासन को 15 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें प्रमुख रूप से सुरक्षा व्यवस्था और घाटों की सफाई की मांग की गई।
श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन करेगा समुचित व्यवस्था
बड़वानी की कलेक्टर गुंचा सनोबर ने आश्वासन दिया है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर नर्मदा तट पर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी ताकि वे बिना किसी असुविधा के पूजा-अर्चना कर सकें।